इंदौर : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ‘अटल सदन’ का लोकार्पण करते हुए शुक्रवार को नगर निगम में बने निगम परिषद सभागृह को उजागर किया। यह सभागृह लोकसभा सदन की तर्ज पर बनाया गया है। मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने शुभारंभ पर उत्कृष्टता की सराहना करते हुए इसे एक सुंदर भवन के रूप में वर्णित किया और मजाक में विधायक से पार्षद बनने की सलाह दी।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इंदौर और उज्जैन के बीच कोई अंतर नहीं रहने की बात की है। इसके लिए चल रही कई योजनाएं हैं, जो दोनों शहरों को और करीब ला सकती हैं। सीएम ने इसके लिए और योजनाओं की घोषणा करने का आश्वासन दिया है और इंतजार की आवश्यकता को माना है।
मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने पूर्व महापौर कृष्ण मुरारी मोघे को मार्गदर्शक बताया और मंत्री तुलसी सिलावट को “तुलसी पहलवान” कहकर संबोधित किया। भाजपा के नगर अध्यक्ष सुरजीतसिंह चड्ढा का नाम लेकर कहा कि पता नहीं वे यहां हैं या नहीं। विजयवर्गीय ने कहा, “यहां भाषण और चर्चा भी इतनी ही सुंदर होना चाहिए।
नए भवन में 120 लोगों के लिए सीटें हैं, जो भविष्य में 180 सीटों तक बढ़ा सकती हैं। इसमें तीन विजिटर्स लॉबी हैं और सभागृह डिजिटल सेंट्रलाइज मॉनिटरिंग से निगम को हल साल लाखों रुपयों की बचत होगी। ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में परिषद की बैठकों में निगम का एक आयोजन हर बार करीब 10 लाख रुपये का खर्च करता है, जिससे सालभर में कुल 50-60 लाख रुपये की खर्चा होती है। नए सभा गृह का निर्माण साझेदारी से होने की संभावना है, जिससे निगम को इस आयोजन से जुड़ी परेशानियों से राहत मिल सकती है।
सिरपुर रामसर साइट पर सीएम ने कहा इंदौर के तालाब अच्छे होते तो उज्जैन का भला हो जाता
शुक्रवार, 2 फरवरी को, सीएम डॉ. मोहन यादव ने वर्ल्ड वेटलैंड डे के अवसर पर सिरपुर रामसर साइट में बैटरी कार से तालाब का निरीक्षण किया। उन्होंने इस क्षेत्र में चल रही अलग-अलग परियोनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त की।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अपने भाषण में व्यक्त किया कि इंदौर के तालाब उत्कृष्टता और प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर हैं। उन्होंने नदियों और पहाड़ों को ईश्वर के वास स्थान के रूप में माना और पौधों में प्राण का अद्भूतता देखी। उनकी धारणा है कि देश को माता स्वरूप मानना चाहिए और वसुधैव कुटुम्बकम के मंत्र का पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि इंदौर के तालाब अच्छे होते, तो इससे उज्जैन को भी लाभ होता।
रामसर सचिवालय की महासचिव डॉ. मुसोन्दा मुम्बा ने इंदौर आकर खुशी व्यक्त की और भारत सरकार को 80 रामसर साइट की बधाई दी। उन्होंने कहा कि भारत से दुनिया को पर्यावरण और रामसर साइटों के बारे में सीखने की आवश्यकता है, और उन्होंने यशवंत सागर का आश्चर्यजनक प्रबंधन की सराहना की। डॉ. मुम्बा ने नमस्ते से भाषण शुरू किया और धन्यवाद देकर भाषण समाप्त किया।
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