दतिया : किला चौक पर पिछड़ा अधिकार यात्रा के पहले चरण का समापन हुआ। इस यात्रा के दौरान, समृद्धि, राजनीतिक समर्थन, और सामाजिक समर्थन का महत्वपूर्ण संकेत मिला। चरण के अंत में, समाप्त होने वाले समारोह ने जनता को सशक्त करने का संकेत दिया और समृद्धि की ऊँचाइयों की ओर एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया।
दतिया में विभाजन की बूंदें बढ़ रही हैं, कांग्रेस और सत्ताधारी दल के नेताओं के बीच। कांग्रेसी नेता अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत करने में लगा हुआ है, जबकि सत्ताधारी नेता जनता के समस्याओं को लेकर चुप्पी तोड़ रहा है। मेरी चुप्तगोई इसलिए थी कि जनता को मेरे द्वारा चुने गए नेता की क्षमताओं का अनुभव हो, और उनके प्रति विश्वास में वृद्धि हो।
शुक्रवार को, किला चौक पर पिछड़ा अधिकार यात्रा के पहले चरण के समापन पर आयोजित सभा में, किसान और ओबीसी नेता दामोदर सिंह यादव ने उदार भाषा में अपने विचार साझा किए।
यादव ने यत्रा के पहले चरण के संपन्न होने पर कहा कि यात्रा जारी रहेगी, और मध्यप्रदेश में जातिगत जनगणना, ओबीसी के लिए 27% आरक्षण, और सीटों की आरक्षण के लिए मांग जारी रहेगी। किसानों की ऋण माफी और प्रमोशन में रिजर्वेशन की माँग पूरी नहीं हो रही है।
भारतीय राजनीति में बाबा साहब आंबेडकर, मुलायम सिंह, कांशीराम, और सुखलाल जैसे महापुरुषों के सपने का सच्चाई में उत्तराधिकारी बनने का मार्ग संकेत है। हालांकि, यह सत्य है कि विभिन्न प्रदेशों और केंद्रीय सरकारों में अनुसूचित जातियों से आने वाले प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री हैं, लेकिन समाज में पिछड़ा वर्ग अभी भी अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहा है। इससे साबित होता है कि सत्ता के क्षेत्र में जातिवाद और असमानता आज भी मौजूद हैं, जिससे समाज में सबको अधिकार और समानता की आवश्यकता है।
प्रिय प्रयागी, इन नामों के साथ भोपाल और दिल्ली में घेराव का एलान करने वाले व्यक्तियों में शामिल हैं: रामकिशोर यादव, अंगद यादव, कमल कुशवाह, राधा भाई कुरैशी, हुकुम सिंह कुशवाह, केशव यादव, राजकुमार यादव, अमित लोधी, अमोल रावत, रजनी यादव, रजनीश यादव, पन्ना, केदार कौरव, बलहादुर बघेल, अभिषेक जाटव, विक्रम दांगी, और गुड्डून यादव। इनके विचारों को विस्तार से जानने के लिए, आपको इस घड़ी के महत्वपूर्ण मुद्दे पर विस्तृत रूप से लिखा जा सकता है।
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