रेल मंत्रालय के अनुसार, 2015 से कुल 23,000 पारंपरिक कोचों को आधुनिक एलएचबी कोच में बदल दिया गया है। इन कोचों में उन्नत तकनीक का उपयोग हो रहा है, जो दुर्घटना के दौरान ट्रेन को पलटने से रोकेगी।
भारतीय रेल ने रेल नेटवर्क को सुधारने के लिए कड़ी मेहनत की है और नए-नए प्रयोगों के माध्यम से यात्रीगण को उत्साहित किया है। उन्नत ट्रेनें जैसे वंदे भारत और अमृत भारत ने यात्रा को सुविधाजनक बनाया है। रेलवे ने हर साल ट्रेनों के कोचों का आधुनिकीकरण करके यात्रियों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए कार्रवाई की है। रेल मंत्रालय के बयान के अनुसार, 2015 से लेकर अब तक 23000 पारंपरिक कोचों को आधुनिक एलएचबी कोच से बदल दिया गया है।
नई कोचों में होगी उन्नत तकनीक
आधुनिक एलएचबी कोचों में कई महत्वपूर्ण विशेषताएं हैं। इनमें तकनीकी उन्नति और मजबूती की विशेषताएं शामिल हैं, जो पारंपरिक आईसीएफ कोचों के मुकाबले इन्हें बेहतर बनाती हैं। इन कोचों में एंटी-क्लाइंबिंग सुविधाएं और एक्सेल-माउंटेड डिस्क ब्रेक सिस्टम की मदद से दुर्घटनाओं के दौरान सुरक्षा में सुधार हो रहा है।
चलेगी स्लीपर वंदे भारत ट्रेन
मॉडर्न कोच फैक्ट्री (MCF) ने यूपी के रायबरेली में ८ नई वंदे भारत एपी पर पढ़ें ट्रेनें स्लीपर कोच के साथ तैयार की हैं। एक रेक में 16 कोच होंगे, जिनमें से 11 एसी 3 टायर, 4 एसी 2 टायर और 1 एसी फर्स्ट क्लास डिब्बा शामिल हैं, और कोच को 20-24 तक बढ़ाया जा सकता है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, रेलवे चीफ पीआरओ आरएन तिवारी ने बताया कि रायबरेली के एमसीएफ के साथ, कपूरथला और चेन्नई की रेल कोच फैक्ट्रियां भी वंदे भारत ट्रेन के लिए कोच तैयार कर रही हैं। पहले चरण में स्लीपर वंदे भारत ट्रेन के दो रेक लॉन्च किए जाएंगे और बाकी अन्य कोचों को भी शीघ्रता से तैयार किया जाएगा। इसके साथ ही, एमसीएफ को साल 2024 में एसी और गैर-एसी कोचों के साथ पुश-एंड-पुल ट्रेन के रेक का निर्माण शुरू होने की भी योजना है।
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