जांच एजेंसी ने बयान जारी करते हुए दावा किया है कि आतिशी द्वारा 6 फरवरी 2024 को आयोजित प्रेस विज्ञप्ति में ईडी के खिलाफ लगाए गए आरोप झूठे, निराधार और दुर्भावनापूर्ण हैं। कुछ आरोपी व्यक्तियों के सीसीटीवी फुटेज हटाने के संबंध में ईडी पर लगाए गए आरोप पूरी तरह से झूठे और दुर्भावनापूर्ण हैं।
आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार के मंत्री आतिशी ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई पर सवाल उठाए। उन्होंने इस दौरान कई संगीन आरोप भी लगाए, जिन्हें ईडी ने निराधार बताया है। जांच एजेंसी ने बयान जारी करके यह कहा कि आतिशी द्वारा 6 फरवरी 2024 को आयोजित प्रेस विज्ञप्ति में ईडी के खिलाफ झूठे, निराधार और दुर्भावनापूर्ण आरोप लगाए गए हैं। कुछ आरोपी व्यक्तियों के सीसीटीवी फुटेज हटाने के संबंध में ईडी पर लगाए गए आरोप पूरी तरह से झूठे और दुर्भावनापूर्ण हैं।
ईडी ने उलझन को इस प्रकार सुलझाया कि सभी आरोपी व्यक्तियों के बयान, सीसीटीवी कैमरों के तहत दर्ज किए गए थे। उन्होंने आरोपियों की मांग के अनुसार उन्हें सामग्री उपलब्ध कराई, जो ट्रायल कोर्ट को भी प्रदान की गई। हालांकि, सीसीटीवी फुटेज केवल वीडियो रूप में रिकॉर्ड किया गया था, क्योंकि उस समय उपलब्ध सीसीटीवी सिस्टम में ऑडियो रिकॉर्डिंग की सुविधा नहीं थी। इसके बावजूद, ईडी अधिकारियों द्वारा कभी भी कोई ऑडियो रिकॉर्डिंग हटाई नहीं गई।
ईडी ने बताया कि पहले के सीसीटीवी सिस्टम में ऑडियो सुविधा उपलब्ध नहीं थी। ईडी अर्ध-न्यायिक कार्यवाही में पेशेवर तरीके से सैकड़ों बयान दर्ज करता है। आम आदमी पार्टी के नेताओं द्वारा अपने गलत कामों के खिलाफ सबूतों को गलत बताने के लिए रोजाना आधारहीन आरोप लगाए जाते हैं।
संदेश में उल्लिखित बयान के आधार पर, मैं आपको सूचित करना चाहता हूँ कि जांच एजेंसी ने अक्टूबर 2023 को ईडी कार्यालय में सीसीटीवी प्रणाली के उन्नत और नवीनतम सुविधाओं के साथ भंडारण सुविधा के साथ आधुनिकीकरण की सूचना दी है। इसके परिणामस्वरूप, सभी पूछताछ में ऑडियो-वीडियो रिकॉर्डिंग हो रही है।
यह प्रक्रिया आपको संदेश में उल्लिखित झूठे, निराधार, और दुर्भावनापूर्ण आरोपों के मामले में प्रवर्तन निदेशालय के द्वारा गंभीर कानूनी कार्रवाई करने की संभावना प्रदान करती है।
ईडी के जवाब पर आप ने उठाए सवाल
आम आदमी पार्टी की नेता जस्मीन शाह ने ईडी के प्रेस स्टेटमेंट पर सवाल उठाते हुए कहा कि क्या ईडी ने अपने लेटर हेड पर कोई आधिकारिक बयान जारी किया है। उन्होंने सारी मीडिया को चौंकाने की बात कहते हुए मुद्दे को गंभीरता से लेने की आग्रह किया। उनका मानना है कि यह मामला सिर्फ आम आदमी पार्टी का ही नहीं है, बल्कि सुप्रीम कोर्ट की भी आदर्शों का मामला है। उन्होंने कहा कि ईडी द्वारा जारी किए जाने वाले बयानों को भी संवेदनशीलता से देखा जाना चाहिए, और यदि वे हस्ताक्षर वाले लेटर हेड पर नहीं हैं, तो उन्हें नजरअंदाज किया जाना चाहिए। उनका मानना है कि ऐसे बयान प्लांटेड हो सकते हैं।
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