निक्की हेली ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के नाम लिए बिना तंज कसते हुए कहा कि भारत अमेरिका के साथ भागीदार बनना चाहता है, लेकिन उन्हें अमेरिकियों के नेतृत्व पर पूरा भरोसा नहीं है। उन्होंने भारतीय-अमेरिकी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की रेस में भाग लेने के बारे में भी बात की, और कहा कि नई दिल्ली ने मौजूदा वैश्विक स्थिति में चतुराई से खेला है, और रूस के साथ इसको विस्तृत रुप में लिखने की आवश्यकता है।
निक्की हेली ने भारत पर अपने बयान में कहा कि भारत एक महत्वपूर्ण रक्षा साझेदार है, लेकिन उसे अपने व्यापारिक और रक्षा क्षेत्र में कुछ सुधार करने की आवश्यकता है। उन्होंने भारत को चीन के साथ टकराव का सामना करने के लिए आग्रह किया और भारत को अपने उद्योगिकरण और साइबर सुरक्षा में और अधिक प्रगति करने की सलाह दी।
जानबूझकर रूस के करीब रहा भारत
निक्की हेली ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन का नाम लिए बिना तंज कसते हुए कहा कि भारत अमेरिका के साथ भागीदार बनना चाहता है, लेकिन अभी उन्हें अमेरिकियों के नेतृत्व पर भरोसा नहीं है। भारतीय-अमेरिकी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की रेस में शामिल निक्की ने यह भी कहा कि नई हालात में, भारत को अमेरिका के साथ साझेदारी को लेकर स्पष्टता चाहिए दिल्ली ने मौजूदा वैश्विक स्थिति में बुद्धिमत्ता से अपना खेल खेला है। इसके लिए शहर ने विभिन्न राष्ट्रों के साथ समर्थन और सहयोग की अनुरोधित समझौतों की बजाय, रूस के साथ करीब रहने का चयन किया है। यह स्थिति राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण है, जो दिल्ली को अंतरराष्ट्रीय मंच पर एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बनाता है।
51 साल की हेली ने एक इंटरव्यू में फॉक्स बिजनेस न्यूज को बताया कि वह वर्तमान में भारत को अमेरिका से कमजोर मानती है। उन्होंने अपने अनुभवों के बारे में साझा किया और कहा कि वे मोदी जी के साथ भारत के साथ भी डील कर चुकी हैं, और भारत अब अमेरिका का साथी बनना चाहता है, भले ही वह रूस के साथ नहीं।
सैन्य उपकरण के कारण भारत रूस को चुन रहा
निक्की हेली ने उज्ज्वल भारत और भारतीय नेतृत्व की चुनौतियों पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने बताया कि उन्हें लगता है कि भारत को उनके नेतृत्व पर पूरा भरोसा नहीं है, जिसका कारण उन्हें आजादी के दिनों में भारत के दिशा-निर्देशक और बिना व्यावसायिक तंत्र के साथ काम करने का एक अनुभव रहा है। वे इस चुनौती का सामना कर रहे हैं कि भारत को उनकी कमजोरी के रूप में देखा जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने हमेशा चालाकी से खेला है, और इस बात को ध्यान में रखते हुए, वे रूस के साथ एक करीबी रिश्ता बनाए रखना चाहते हैं। उनके अनुसार, रूस ही उन्हें उनके सैन्य उपकरणों की आपूर्ति करने में सक्षम है।
चीन पर कम निर्भर होने के लिए ने कदम उठाए
रिपब्लिकन नेता ने फॉक्स बिजनेस न्यूज के माध्यम से बताया कि भारत ने अपनी चीन पर निर्भरता को कम करने के लिए खुद को एक अरब डॉलर का प्रोत्साहन दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका को भी इस दिशा में कदम उठाना चाहिए और गठबंधन बनाने की जरूरत है।
हेली ने बताया कि चीन आर्थिक दृष्टिकोण से संतुष्ट नहीं है और उनका अच्छा प्रदर्शन नहीं हो रहा है। उन्होंने चेताया कि चीन अमेरिका के साथ युद्ध की तैयारी में लगा है और इसे बड़ी गलती मानी। उन्होंने कहा कि चीन वर्षों से युद्ध की तैयारी कर रहा है, जो उनकी सबसे बड़ी गलती है।
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