यूपी की तरफ से पहली बार किसान दिल्ली की दिशा में कूच करने निकले, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक लिया और बस में भरकर ले गई। ये किसान यूपी के गाजियाबाद से गैस सिलेंडर और राशन लेकर गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे थे। हरियाणा के सबसे बड़े किसान संगठन ने भी आंदोलन के समर्थन का ऐलान किया है।
किसानों का आंदोलन आज तीसरे दिन भी जारी है। हरियाणा-पंजाब सीमाओं पर बड़ी संख्या में किसान डटे हुए हैं। दिल्ली से सटी हरियाणा और यूपी की सीमाओं पर भी पुलिस का सख्त पहरा है। आंदोलनकारी किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने कई लेयर की बैरिकेडिंग कर रखी है। किसानों के आंदोलन को खत्म कराने के लिए सरकार ने कई बार वार्ता की है, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं निकला है।
गुरुवार को, यूपी के गाजियाबाद से कई किसान गाजीपुर बॉर्डर की ओर अपने गैस सिलेंडर और राशन के साथ निकले। पहली बार यह हुआ कि उत्तर प्रदेश से भी किसान दिल्ली की तरफ आंदोलन करने निकले। पुलिस ने उन्हें रोका और बस में भरकर ले गई। साथ ही, हरियाणा के सबसे बड़े किसान संगठन ने भी आंदोलन के समर्थन का ऐलान किया।
गाजीपुर बॉर्डर पर किसान गैस सिलेंडर और राशन लेकर पहुंचे थे
गाजियाबाद एसपीसी स्वतंत्र देव सिंह ने बताया कि करीब 10 से 12 किसान दिल्ली कूच के लिए निकले थे, लेकिन गाजियाबाद-दिल्ली बॉर्डर पर खड़ी यूपी पुलिस ने इनको हिरासत में ले लिया और बस में भरकर कौशांबी थाने ले गई। उन्हें समझा कर और कानूनी कार्रवाई के बाद छोड़ दिया जाएगा।
क्या हैं किसानों की मांगें?
सभी फसलों की खरीद के लिए एमएसपी गारंटी कानून बनाया जाए.
- डॉ. स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के हिसाब से फसलों की कीमत तय की जाए. सभी फसलों के उत्पादन की औसत लागत से पचास फीसदी ज्यादा एमएसपी मिले.
- किसान और खेत में काम करने वाले मजदूरों का कर्जा माफ किया जाए. किसानों को प्रदूषण कानून से बाहर रखा जाए.
- 60 साल से ज्यादा उम्र के किसानों को 10 हजार रुपये पेंशन दी जाए.
- भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 दोबारा लाग किया जाए.
- लखीमपुर खीरी कांड के दोषियों को सजा दी जाए. आरोपियों की जमानत रद्द की जाए.
- मुक्त व्यापार समझौतों पर रोक लगाई जाए.
- विद्युत संशोधन विधेयक 2020 को रद्द किया जाए.
- मनरेगा में हर साल 200 दिन का काम और 700 रुपये मजदूरी दी जाए.
- किसान आंदोलन में मृत किसानों के परिवारों को मुआवजा और सरकारी नौकरी दी जाए. समझौते के अनुसार, घायलों को 10 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए. दिल्ली मोर्चा सहित देशभर में सभी आंदोलनों के दौरान दर्ज सभी मुकदमे रद्द किए जाएं. 11. नकली बीज, कीटनाशक दवाइयां और खाद वाली कंपनियों पर कड़ा कानून बनाया जाए. फसल बीमा सरकार खुद करे.
- मिर्च, हल्दी और अन्य मसालों के लिए राष्ट्रीय आयोग का गठन किया जाए.
- संविधान की 5वीं सूची को लागू कर आदिवासियों की जमीन की लूट बंद की जाए. ■
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