ग्वालियर : सुनील शर्मा, मैनिट भोपाल के पूर्व छात्र, अब ग्वालियर के लोगों को स्टार्टअप शुरू करने का मौका दे रहे हैं। उन्होंने आईआईटी बॉम्बे के स्टार्टअप का मूल्यांकन किया है और उन्हें फंडिंग प्रदान कर रहे हैं।
सुनील द्वारा कहा गया है कि वे पहले से ही 200 करोड़ से अधिक का व्यापार कर रहे हैं और उन्होंने 20 से अधिक स्टार्टअप में निवेश किया है। अब वे लोक सभा चुनाव से पहले एक कार्यक्रम का आयोजन करने की योजना बना रहे हैं।
युवाओं को सलाह, सहायता और फंडिंग प्रदान करने के लिए, एक नया उद्यमिता कार्यक्रम शुरू किया जा सकता है जिसमें युवा उद्यमी अपने अनोखे और नवाचारी विचारों को साझा कर सकते हैं। इसके तहत, युवाओं को अपनी व्यावसायिक प्रतिभा को प्रस्तुत करने के लिए मेंटरिंग, उपकरण, और वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। इसके साथ ही, उद्यमी युवाओं को विभिन्न सरकारी योजनाओं और संस्थाओं से जुड़ने की मार्गदर्शन भी मिलेगा। यह उद्यमिता कार्यक्रम नए और हटकर तरीके से युवाओं को व्यवसायिकता की दुनिया में प्रेरित करेगा और उन्हें समर्थ बनाएगा अपने विचारों को अंजाम देने के लिए।
ग्वालियर चंबल क्षेत्र में एक नए स्टार्टअप की शुरुआत के पीछे एक रोचक कहानी है। यहाँ युवा उद्यमी के पीछे अच्छे रिटन को पाने और अपनी पहचान बनाने का एक दृष्टिकोण है। इस स्टार्टअप की विशेषता यह है कि इसे शुरू करने का कारण है सुनील, जो अपने जन्मभूमि, भिंड जिले के गोहद के पास के रहने वाले हैं, उन्होंने इसे फंडिग करने का समर्थन किया है।
उनकी प्रारंभिक शिक्षा ग्वालियर में ही हुई थी और उन्हें इसका गर्व था। उन्हें अपने शहर के लोगों को उनके समृद्धि के माध्यम के रूप में देखने की इच्छा थी। इसी कारण से, वे अब एक स्टार्टअप ग्वालियर से ही शुरुआत करने का निर्णय ले रहे हैं। उनका उद्देश्य ग्वालियर के विकास और समृद्धि में योगदान करना है, जिससे शहर की आर्थिक और सामाजिक स्थिति में सुधार हो सके। उनका सपना है कि वे ग्वालियर को एक उद्यमी और तकनीकी उद्योग केंद्र के रूप में स्थापित करें, जिससे यहां के नागरिकों को नौकरी के अवसर मिलें और शहर का विकास हो।
ग्वालियर और आसपास के क्षेत्र के लोगों के लिए स्टार्टअप के लिए एक विशेष पहल की आवश्यकता है ताकि यहाँ की पहचान को बढ़ावा मिल सके। स्टार्टअप एक उच्चारण है, जो नई और नवाचारी व्यवसायों को सृजनात्मकता और उत्कृष्टता के साथ शुरू करता है। ग्वालियर और आसपास के क्षेत्रों में इस प्रकार के कार्यक्रमों और पहलों की आवश्यकता है जो उद्यमिता को प्रोत्साहित करें, स्थानीय उद्योगों को समर्थन प्रदान करें, और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करें। इसके लिए स्थानीय सरकार, उद्यमिता संगठन, और विभिन्न स्थानीय संगठनों के साथ सहयोग की आवश्यकता होगी। साथ ही, उद्यमिता को वित्तीय सहायता, बिजनेस में प्रशिक्षण और मेंटरिंग, और बाजार और वित्तीय जानकारी के साधन उपलब्ध कराने के लिए उपाय किए जाने चाहिए। इसके अलावा, स्थानीय शिक्षा संस्थानों और तकनीकी संस्थानों को भी उद्यमिता को समर्थन और संसाधनों के पहुँच में मदद करने के लिए भूमिका निभानी चाहिए। इस प्रकार के पहलों और उपायों के माध्यम से, ग्वालियर और आसपास के क्षेत्रों में स्टार्टअप को प्रोत्साहित किया जा सकता है और यहाँ की पहचान को मजबूती से बढ़ाया जा सकता है।
ग्वालियर और आसपास के क्षेत्र में शिक्षा का स्तर उच्च होने के बावजूद, जानकारी के अभाव में यहां के लोगों के पास उद्यमिता की प्रेरणा को साकार करने के लिए साधनों की कमी है। इस अवस्था में उचित समर्थन प्राप्त करने के लिए, ऑन-स्पॉट फंड की आवश्यकता है, जो स्थानीय उद्यमियों को उनके विचारों को वास्तविकता में बदलने में मदद कर सकता है। इसके माध्यम से नवाचारिक और क्रियात्मक प्रोजेक्टों को अधिक उत्पादक बनाने के लिए अधिक प्रोत्साहन मिल सकता है, जो अंत में स्थानीय अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ कर सकता है
सुनील ने भारत में फंडिंग के इवेंट किए होने के बाद उन्होंने मध्य प्रदेश में अपनी चुनाव की वजह विस्तारपूर्वक बताई। उन्होंने कहा कि भारत भर में फंडिंग के इवेंट करने के बावजूद, मध्य प्रदेश में संभावनाएं अधिक और स्पर्धा कम हैं। इसलिए, उन्होंने मध्य प्रदेश के लिए कोईस अलायंस का चयन किया। उनका मानना था कि यहां फंडिंग करने से अधिक स्टार्टअप्स को मदद मिलेगी। उन्होंने इसके विपरीत, महाराष्ट्र और गुजरात में काम करने का सोचा, लेकिन वहां के इको सिस्टम डेवलप हैं और वहां की फंडिंग पूरी हो चुकी है, जिससे वहां काम करना मुश्किल होगा। उनका ध्यान रखते हुए, वह मध्य प्रदेश में फंडिंग करने का निर्णय लिया। उन्हें लगा कि अगर वह यहां निवेश करें, तो बहुत सारे अच्छे स्टार्टअप्स उनके द्वारा समर्थित हो सकते हैं।
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