चंडीगढ़ : चंडीगढ़ में भाजपा प्रत्याशी मनोज सोनकर ने मेयर चुनाव में जीत हासिल की थी, लेकिन उनके विजय के बाद एक वीडियो वायरल हो गया था, जिसमें उन्हें सीसीटीवी कैमरे की ओर देखते हुए पाया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें फटकार लगाई और अदालत में पेश होने का आदेश दिया था। आज कोर्ट में उन्होंने स्वीकार किया कि उन्होंने बैलट पेपर पर क्रॉस लगाया था।
सुप्रीम कोर्ट में चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर आयी याचिका पर आज सुनवाई हुई। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने चुनाव में धांधली का आरोप लगाया था और चुनाव अधिकारी के वायरल हुए वीडियो को सबूत के तौर पर प्रस्तुत किया था। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ चुनाव अधिकारी ने कोर्ट में कुबूल किया कि उन्होंने बैलट पेपर पर क्रॉस मार्क किया था।
सुप्रीम कोर्ट में आज पेश हुए रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह ने बेंच को स्पष्ट किया कि उन्होंने बैलट पेपर पर क्रॉस मार्क किया था, जिसका कारण था कि आम आदमी पार्टी के मेयर प्रत्याशी ने बैलेट पेपर को फाड़कर भाग लिया था।
इससे पहले क्या-क्या हुआ?
आम आदमी पार्टी के तीन पार्षद नेहा मुसावट, गुरचरण काला, और पूनम देवी अब भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए हैं। इस घटना के परिणामस्वरूप, बीजेपी ने मेयर चुनाव के लिए पूर्ण बहुमत प्राप्त किया है। इस समय मेयर चुनाव की परिणामांकन में बीजेपी के पास अब मजबूत स्थान है, जो पूरे चुनाव प्रक्रिया को परिवर्तित कर सकता है।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले मेयर मनोज सोनकर ने पद से इस्तीफा दे दिया है. दरअसल शीर्ष अदालत ने पहले ही चुनावी प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी.
30 जनवरी को क्या हुआ था?
चंडीगढ़ नगर निगम के 30 जनवरी के चुनाव में, बीजेपी ने 14 पार्षद प्राप्त किए थे, जिससे यह पार्टी संख्याबल के लिहाज से सबसे बड़ी थी। इसके बाद, आम आदमी पार्टी को 13, और कांग्रेस को 7 पार्षद मिले थे। इसके अलावा, एक पार्षद शिरोमणि अकाली दल का भी था। इस निगम के सांसद भी अपना वोट डालते हैं। AAP-कांग्रेस ने मेयर का चुनाव मिलकर लड़ा था।
आंकड़ों के अनुसार, AAP और कांग्रेस के पास मिलकर 20 वोट थे, जो काफी होते ताकि वे मेयर के लिए बहुमत प्राप्त कर सकें। लेकिन अचानक, 8 वोटों को रद्द कर दिया गया, जिससे उनकी संख्या 12 हो गई। इसके परिणामस्वरूप, बीजेपी को 14 वोटों के साथ मेयर की पद की जीत मिली।
AAP और कांग्रेस ने मेयर चुनाव के प्रिजाइडिग ऑफिसर अनिल मसीह के एक वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल होते हुए देखा, जिसमें उन्हें बैलेट पेपर पर पेन चलाते हुए दिखाया गया था। उन्होंने इस वीडियो को सुप्रीम कोर्ट में पेश किया और इसे सबूत के तौर पर प्रस्तुत किया।
SC ने रिटर्निंग ऑफिसर को लगाई थी फटकार
30 जनवरी को चंडीगढ़ मेयर का चुनाव हुआ था. इसमें कथित धांधली को लेकर कांग्रेस और AAP की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पूरी चुनावी प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी और बैलट पेपर सील करने का निर्देश दिया था. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने मेयर चुनाव के लिए रिटर्निंग ऑफिसर रहे अनिल मसीह को फटकार लगाई थी और कहा था, ‘सीसीटीवी फुटेज से स्पष्ट है उन्होंने (प्रिजाइडिंग ऑफिसर) ने मतपत्रों को खराब किया. उन पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए. यह लोकतंत्र का मजाक है. लोकतंत्र की हत्या है, हम आश्चर्यचकित हैं’.
18 जनवरी को होने थे चुनाव
चंडीगढ़ में मेयर चुनाव के दौरान हुई धांधली के बाद, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने चुनाव को रद्द करने की मांग की है। इस मामले को विस्तार से जांचने की आवश्यकता है।
Discover more from The Bharat 24 News
Subscribe to get the latest posts sent to your email.