समिति में अधिकारियों , किसानों और सामाजिक कार्यकर्ता को शामिल करने का निर्देश दिया गया है । सुप्रीम कोर्ट ने किसानों की विभिन्न मांगों पर विचार करने के लिए एक समिति गठित करने का प्रस्ताव रखा है । सुुुुुप्रीम कोर्ट ( SC ) ने पंजाब एंव हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा शंभू बार्डर खोलने के आदेश पर फिलहाल रोक लगा दी । साथ ही शीर्ष अदालत ने इस मसले पर निर्णय लेने के लिए एक समिति गठित करने का आदेश दिया है। समिति में अधिकारियों , किसानों और सामाजिक कार्यकर्ता को शामिल करने का निर्देश दिया गया है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने किसानों की विभिन्न मांगों पर विचार करने के लिए एक समिति गठित करने का प्रस्ताव रखा है ।इस समिति का मुख्य उद्येश्य किसानो को उनकी फसलों के लिए न्यूूूूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी ) की कानूनी गारंटी देने सहित अन्य मांगों पर विचार करना होगा । सुप्रीम कोर्ट ने यह कदम उस समय उठाया है जब देश के विभिन्न हिस्सों में किसान अपनी मांंगों को लेकर आंदोलनरत है। किसानो की प्रमुख मांगों में से एक यह है कि उनकी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मुल्य यानी MSP को कानूनी दर्जा दिया जाए , ताकि उन्हें अपनी मेहनत पर उचित मूल्य मिज सके। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार ( 24 जुलाई ) को स्वतंत्र व्यक्तियों की एक समिति बनाने की मंशा व्यक्त ताकि पंजाब – हरियाणा सीमा पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानो और सरकारोंं के साथ बातचीत कर मुद्यें का समाधान ढूंढ सके । कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा राज्यों से उन उपयुक्त व्यक्तियों के नाम सुझाने को काहा जिन्हें समिति में शामिल किया जा सकता है। इसने साथ ही अंबाला के पास शंभू से एक सप्ताह के लिए यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है,जहांं किसान 13 फरवरी से डेरा डाले हुए है। न्यायमुर्ती सूर्यकांत की अगुवाई वाली तीन सदस्यीय पीठ ने कहा कि एक ” तटस्थ अंपायर ” की आवश्यकता है जो किसानों तथा सरकार के बीच विश्रास पैदा कर सकेे। पीठ में न्यांयमूूूूर्ति उज्जल भुइयां भी शामिल रहे। पीठ ने कहा , आपको किसानो से बातचीत करने के लिए कुछ कदम उठाने होंगे। अन्यथा वे दिल्लाी क्यों आएंगे ? आप यहां से मंत्रियों को भेज रहे है। और उनके नेक इरादों के बावजूद विश्रास की कमी है। न्यायालय ने कहा , एक सप्ताह के अंदर उचित निर्देश दिए जाएं। तब तक शंभू बॉर्डर पर स्थिति को बिगडने से रोकने के लिए सभी पक्षकारों को प्रदर्शन स्तर पर यथास्थिति बनाए रखने दें। सुप्रीम कोर्ट पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश के खिलाफ हरियाणा राज्य की याचिका पर सुनवाई कर रहा था। दरअसल इससे पहले पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय सीमा को खोलने का निर्देश दिया था, जिसे इस साल फरवरी में पंजाब से हरियाणा में प्रदर्शनकारी किसानों की आवाजाही को रोकने के लिए बंद कर दिया गया था। किसान फसलो के लिए न्युनतम समर्थन मुल्य की वैधानिक गांरटी जैसी मांगों को लेकर वहां विरोध प्रदर्शन कर रहे है।
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