तीन महीने पहले 8 अप्रैल को भोपाल क्राइम ब्रांच ने मंगलवारा इलाके से 2 महिलाओं को गिरफ्तार किया। इनके पास से 16 किलो गांजा मिला, जिसकी बाजार में कीमत 3 लाख रुपए थी। पुलिस पूछताछ में दोनों महिलाओं ने बताया कि वे गांजे की ये खेप विशाखापट्टनम से ट्रेन में लाई थीं। इनमें से एक महिला रीना उईके पहले भी गांजे की तस्करी में पकड़ी जा चुकी है।
दरअसल, एमपी में ड्रग्स की तस्करी के कारोबार में महिलाओं का दखल बढ़ रहा है। ने क्राइम ब्रांच और सेंट्रल नारकोटिक्स ब्यूरो के आंकड़ों की पड़ताल की। इसमें पता चला कि क्राइम ब्रांच ने इस साल ड्रग्स की तस्करी में पिछले साल के मुकाबले 3 गुना ज्यादा महिलाओं को पकड़ा है।
सेंट्रल नारकोटिक्स ब्यूरो ने पिछले 5 साल में 3 जिले रतलाम, नीमच और मंदसौर में ही 43 महिलाओं को पकड़ा है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की 2022 की रिपोर्ट के मुताबिक इंदौर ड्रग्स के कारोबार का सेंटर है। पढ़िए ड्रग्स के कारोबार में महिलाओं की एंट्री कैसे हो रही है।
21 दिसंबर 2020 को विजयनगर पुलिस ने काजल जैन को गिरफ्तार किया था। काजल, ड्रग्स के आदी युवाओं के बीच ड्रग्स आंटी के रूप मशहूर थीं। जब वह पकड़ी गई तो उसके नेटवर्क का खुलासा हुआ। काजल ने इंदौर में बैठकर ड्रग्स का कारोबार पूरे देश में फैला रखा था।
वह दिन में प्रॉपर्टी ब्रोकर का काम करती थी और रात में ड्रग्स सप्लाई का। उसने अपने बेटे यश को भी इसमें शामिल किया हुआ था। यश के जरिए ड्रग्स वाली आंटी ने मुंबई-गोवा और दिल्ली में अपना नेटवर्क तैयार किया था। वह हाई प्रोफाइल युवक-युवतियों की पार्टियों के साथ होटलों में भी ड्रग्स की सप्लाई करती थी।
पुलिस को पता चला था कि उसके तार नाइजीरिया, मुंबई और दिल्ली के ड्रग तस्करों से जुड़े हैं। पुलिस ने काजल को गिरफ्तार करने के तीन साल बाद 2023 में उसके बेटे यश को दिल्ली से गिरफ्तार किया।
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