ग्वालियर-आगरा के बीच की दूरी 32 किलोमीटर कम हो जाएगी। यह दूरी घटकर 88 किलोमीटर रह जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोनों शहरों के बीच 4 लेन हाईस्पीड कॉरिडोर को मंजूरी दी है। इसकी लागत करीब 4613 करोड़ रुपए होगी। केंद्र सरकार ने शुक्रवार को 8 राष्ट्रीय हाई स्पीड रोड कॉरिडोर परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जिनकी कुल लंबाई 936 किलोमीटर होगी। इन पर कुल खर्च 50,655 करोड़ रुपए आएगा।
ग्वालियर-आगरा 6 लेन हाई स्पीड कॉरिडोर का निर्माण बिल्ड ऑपरेट ट्रांसफर (बीओटी) के तहत कराया जाएगा। ये कॉरिडोर मौजूदा ग्वालियर-आगरा नेशनल हाइवे से करीब 6 किलोमीटर दूरी पर तैयार होगा। इसके तैयार होने पर ग्वालियर से आगरा के बीच की 32 किमी कम होकर 88.4 किमी रह जाएगी। ग्वालियर में रायरू-झांसी बायपास के सुसेरा गांव से कॉरिडोर की शुरुआत होगी और शनिदेव मंदिर की रोड के उराहना, पिपरसेवा से होते हुए मुरैना, धौलपुर, आगरा के बाद इसका अंतिम प्वाइंट देवरी गांव पर होगा। आगरा-ग्वालियर के बीच का सफर ढाई घंटे के बजाए एक से डेढ़ घंटे में होगा।
ये परियोजनाएं भी स्वीकृत
4 लेन खड़गपुर – मोरेग्राम राष्ट्रीय हाई स्पीड कॉरिडोर, 6 लेन थराद – अहमदाबाद राष्ट्रीय हाई स्पीड कॉरिडोर, 4 लेन अयोध्या रिंग रोड, 4-लेन पथलगांव और गुमला के बीच रायपुर-रांची राष्ट्रीय हाई स्पीड कॉरिडोर का खंड और 6-लेन कानपुर रिंग रोड शामिल हैं।
ऐसा होगा 6 लेन हाई स्पीड कॉरिडोर
88.400 किमी लंबाई
100 किमी प्रति घंटा स्पीड लिमिट
502 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण
4613 करोड़ रुपए संभावित लागत
इन गांवों से होकर गुजरेगा हाई स्पीड कॉरिडोर
मुरैना- डोलसा, उराहना, पिनावली, पिपरसेवा, भाखरी, गडाजर, नयागांव, रांसू, खैरवाली, रंचौली, गुलेंद्र, बिसेटा, पिलुआ, बसाहरी, नाका, कोटवाल, बसैया, खेराकलां, अजनोधा, लोधा, डोंगरपुर, सिरमिति, भटारी, दिमनी, खुर्द, श्यामपुर खुर्द, लहर, ऐसाह, जोहा, कुथियाना, बीलपुर।
धौलपुर- बक्शपुरा, चीलपुरा, कमरियन का पुरा, चंदिया का पुरा, पुरेनी, बाहरी का पुरा, फर्शपुरा, जंगीपुरा, बसई करे, हनुमानपुरा, पहाड़ी, मचरिया, डोडी का पुरा, नदोली, गेहंडी, बीच का पुरा, अजीतपुरा, नगर।
आगरा- मेहदेवा, डर्की, पुस्नेता, सढ़पुरा, शेरपुर, बाबरपुर, गोहरी, तोर, लोहेटा, पटम, नंगला, फूलपूर, करोधना, काकरारी, सलीमाबाद, देवरी।
बढ़ते ट्रैफिक लोड के लिए मौजूदा हाइवे छोटा….
रायरू से शुरू होकर आगरा तक जाने वाला मौजूदा हाइवे 4 लेन है। इस हाइवे से आगरा तक जाने के लिए 121 किलोमीटर का सफर करना होता है। साथ ही ये हाइवे अब घनी आबादी क्षेत्र से भी घिर गया है। बानमोर, मुरैना, धौलपुर, मनिया व अन्य कई ऐसे स्थान हैं। जहां घनी बसाहट एवं व्यापारिक केंद्र के बीच से ये हाइवे गुजरता है और इन प्वाइंट पर ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी रहती है। पहले विचार किया जा रहा था कि इसी हाइवे को सिक्स लेन कर दिया जाए। लेकिन जमीन की उपलब्धता एवं अन्य कारणों को देखते हुए तय हुआ कि इस हाइवे को इसी स्थिति में चलने दिया जाए और ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे तैयार करें। अब इसे हाई स्पीड कॉरिडोर के तौर पर तैयार किया जाएगा।
एग्रीमेंट के बाद ढाई वर्ष में करना होगा निर्माण
- हाई स्पीड कॉरिडोर के लिए एनएचएआई ने टेंडर कॉल किए हुए हैं जो कि इस महीने खुलेंगे।
- सितंबर में प्रोजेक्ट के लिए अवार्ड पारित होंगे।
अवार्ड के बाद कंस्ट्रक्शन कंपनी व एनएचएआई के बीच एग्रीमेंट होगा।
एग्रीमेंट के बाद 6 महीने का समय कंपनी को बजट प्रक्रिया के लिए मिलेगा।
6 महीने बीतने के बाद से अगले ढाई साल में कंपनी को कॉरिडोर तैयार करना होगा।
53 पुल व आरओबी बनेंगे
88.4 किमी वाले इस 6 लेन कॉरिडोर में 1 आरओबी, 2 फ्लाई ओवर प्रस्तातिव हैं। वहीं चंबल नदी, कावेरी नदी, क्वांरी नदी समेत 9 नदी-नहर क्षेत्र में 5 बड़े और 4 छोटे पुल बनेंगे। इनक अलावा 47 पुलिया बनाई जाना प्रस्तावित हैं।
मुरैना-धौलपुर के अंदरुनी क्षेत्र में खुलेंगे विकास के रास्ते
ग्रीनफील्ड कॉरिडोर बनने पर ग्वालियर, मुरैना, धौलपुर और आगरा के अंदरुनी क्षेत्रों में विकास के नए रास्ते खुलेंगे। रायरू-झांसी बायपास से शनिदेव मंदिर रोड और उसके आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों को इस कॉरिडोर का बड़ा फायदा मिलेगा। जहां पिपरसेवा इंड्रस्टीज एरिया शुरू हुआ है जिनमें लगने वाले उद्योगों को आगरा रूट की बेहतर कनेक्टिविटी नजदीक से मिलेगी।
हाउसिंग और कमर्शियल के साथ इंडस्ट्रीज प्रोजेक्ट इस क्षेत्र की तरफ बढ़ेंगे। 6 लेन हाइवे की प्लानिंग के साथ ही इस क्षेत्र में जमीनों की मांग और भाव दोनों ही लगातार बढ़ रहे हैं। वहीं मुरैना का काफी बड़ा हिस्सा सीधे तौर पर आगरा रूट से जुड़ जाएगा। अभी लोगों को कई किमी का सफर कर आगरा-दिल्ली रूट पकड़ना होता है।
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