मध्यप्रदेश में हो रही बारिश से छोटी-बड़ी नदियां उफान पर हैं। बरगी, बाणसागर जैसे 10 बड़े बांध छलक उठे हैं। सोमवार को भी इंदौर, उज्जैन, सागर, भोपाल और नर्मदापुरम संभाग के 13 जिलों में तेज बारिश का अलर्ट है। भोपाल में सुबह रिमझिम पानी बरसा।
प्रदेश में डेढ़ महीने के अंदर 23.3 इंच बारिश हो चुकी है यानी सीजन के कोटे का 62% पानी गिर चुका है। मौसम विभाग, भोपाल के सीनियर वैज्ञानिक डॉ. वेदप्रकाश सिंह के मुताबिक, लो प्रेशर एरिया, मानसून ट्रफ और साइक्लोनिक सर्कुलेशन की वजह से एमपी में भारी बारिश का दौर चल रहा है।
25 से ज्यादा जिलों में हुई बारिश
रविवार को 25 से ज्यादा जिलों में बारिश हुई। सबसे ज्यादा ग्वालियर में 1.8 इंच, पचमढ़ी में 1.7 इंच, शिवपुरी-शाजापुर में डेढ़ इंच, गुना में 1.1 इंच, टीकमगढ़ में 1.2 इंच पानी गिरा। टीकमगढ़, रतलाम, बैतूल, सतना, छिंदवाड़ा, भोपाल, उज्जैन, नर्मदापुरम, दमोह, खजुराहो, मलाजखंड, धार, सिवनी, मंडला और नरसिंहपुर में भी बारिश हुई।
एमपी में अब तक 20% बारिश ज्यादा हुई
प्रदेश में मानसून की एंट्री 21 जून को हुई थी। एक सप्ताह में ही पूरे प्रदेश में मानसून छा गया था, तभी से तेज बारिश का दौर चल रहा है। इस वजह से अब तक 20 प्रतिशत बारिश ज्यादा हो चुकी है।
प्रदेश के पश्चिमी हिस्से- भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, चंबल, उज्जैन और नर्मदापुरम संभाग में औसत से 22% और पूर्वी हिस्से- जबलपुर, रीवा, शहडोल और सागर संभाग में औसत से 17% अधिक बारिश हो चुकी है। मौजूदा सिस्टम से पहले पूर्वी हिस्से में कम बारिश हुई थी।
इन बांधों के गेट खुले
प्रदेश में पिछले 4 दिन से तेज बारिश का दौर जारी है। इस वजह से 10 बड़े डैम से पानी छलक उठा है। भोपाल का बड़ा तालाब भी भर गया है। यहां रविवार को दूसरी बार भदभदा के 2 गेट खुले। कलियासोत डैम के सीजन में चौथी बार गेट खोले गए।
कोलार डैम के भी सीजन में तीसरी बार गेट खोले गए। में तवा डैम, अशोकनगर में राजघाट डैम, जबलपुर में बरगी डैम, रायसेन के बारना डैम, विदिशा में हलाली डैम, छिंदवाड़ा में माचागोरा डैम के भी गेट खुल चुके हैं।
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