तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद पर हो रहे विवाद को लेकर है। तिरुपति बालाजी मंदिर आंध्र प्रदेश के तिरुमला में स्थित एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है, जो भगवान विष्णु के अवतार वेंकटेश्वर (बालाजी) को समर्पित है। यह मंदिर दुनिया के सबसे धनी मंदिरों में से एक माना जाता है और हर साल यहां सिर्फ देश से नहीं बल्कि विदेशों से भी लाखों श्रद्धालु यहां दर्शन करने आते हैं।
इस बार यह लाखों श्रद्धालुओं की श्रद्धा से छल कपट का मामला सामने आ रहा है। यह पूरा मामला एक राजनीतिक बयान के साथ सामने आया जहां, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने बुधवार को दावा किया कि पिछली सरकार में तिरुपति मंदिर में मिलने वाले प्रसाद में घी की जगह जानवरों की चर्बी और मछली के तेल का इस्तेमाल हो रहा था। जहां तिरुपति बालाजी को हर रोज चढ़ाए जाने वाले प्रसाद को लेकर सियासत गरमा गई है। बताया जा रहा है कि भगवान बालाजी के लिए तैयार किये जा रहे प्रसाद शुद्ध देसी घी के बजाय जानवरों के चर्बी आदि से निर्मित किया जा रहा है। यह एक बेहद चौंकाने वाली खबर सामने आ रही है। जिसे लेकर श्रद्धालुओं के साथ तमाम राजनीतिक दलों में भी विवाद का माहौल देखा जा रहा है। देश भर से तमाम संतों की नाराजगी भी सामने आ रही है। संतों का मानना है कि मंदिर के ट्रस्ट बोर्ड को भंग किया जाना चाहिए और इस पर कड़ी जांच कर कार्यवाही करनी चाहिए।
अगर इस खबर के पीछे की की सच्चाई की बात करें तो, बताया जा रहा है कि 9 जुलाई को मंदिर बोर्ड ने घी के सैंपल गुजरात स्थित पशुधन लैब (NDDB CALF LTD) भेज और 16 जुलाई को लैब रिपोर्ट आई जिसमें फॉर्म के घी में मिलावट पाई गई। राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड की फूड लब Calf ने बताया कि जानवरों की चर्बी और फिश ऑयल से प्रसादम के लड्डू बनाए जा रहे हैं!
अब देखना यह है कि तमाम मामले पर सरकार क्या एक्शन लेती है ?
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