01. जिले भर में दुकानों से हो रही खाद की विक्री पर दर्ज मूल्य में विक्री पर दर्ज मूल्य से अधिक मूल्य में विक्री पर लगाम सहित खाद की शुद्धता की जाँच की जाए एक संयुक्त दल बनाकर?
02 . पिछोर खनियाधाना करेरा सहित जिले भर की तहसीलों में खाद विक्रय की दुकानों और गोदामों की जाँच आखिर क्यूँ नहीं ?
03 . कृषि विभाग के अधिकारी कर्मचारी द्वारा दुकानों पर विक्रय किये जा रहे खाद के शुद्धता , ब्रांड ,कीमत, की जाँच किसनो के समक्ष की जानी चाहिए?
शिवपुरी।बीते दिवस खनियांधाना मे नकली खाद का बनना पकड़ा गया है इससे यह अब्स्य साबित होता है की जिले भर मे नकली खाद की बिक्री चरम पर हो रही है जिला प्रशासन को चाहिए की एक दल गठित कर सभी तहसीलो मे खाद के गोदामों का नीरीक्षण करे और सभी दुकानों पर बिक्रय किया जा रहे खाद की शुद्धता और दर्ज कीमत की जांच करबाए जिससे की ग्रामीणो को किसानों को नकली खाद और दर्ज कीमत से अधिक कीमत मे खाद खरीदने पर मजबूर न होना पड़े क्युकी आज भी अगर देखा जाए तो पिछोर,खनियांधाना,करेरा और अन्य तहसीलो मे व्योपारियों द्वारा खाद का अबैध भण्डारण निजी प्रायबेट गोदामों मे कर के रखा है तहसील स्तर के अनुबिभागीय अधिकारियों को अपने दाइट्यो का निर्वहन करते हुए सभी खाद दुकानों जहा जहा खाद का बिक्रय किया जा रहा है अपने साथ सेल्टेक्स,और कृषि बिभाग के अधिकारियों को ले जाकर नकली खाद और खाद के अबैध भंडारण की जांच करना चाहिए और दुकानों पर जाकर बेचे जा रहे खाद की सुद्धता की भी जाँच करना चाहिए की जो खाद किसानों को बेचा जा रहा है वह असली है की नकली और दर्ज कीमत से अधिक कीमत मे तो बिक्रय नही किया जा रहा है और किसानों को भी बताये की असली और नकली खाद की क्या पहचान है और एक व्योपारी को कितनी छमता तक खाद स्टॉक करने और बेचने का प्रावधान है और साथ ही पुलिस बिभाग को भी अपनी जिम्मेदारी समझते हुए जहा जहा जिस जिस दुकानो पर खाद की बिक्री की जा रही है वहा यातायात व्यस्था बनी रहे सड़को पर कई जगह जाम के हालात निर्मित हो रहे है अगर अनुबिभाग स्तर से इन समस्त बिंदुओ पर अपना कर्तव्य समझते हुए ध्यान दे दिया तो जिला कलेक्टर को इस पर दल बनाने की आबश्यकता ही नही पड़ेगी क्युकी अधिकांश देखने और सुनने मे आता है की एक चलन सा बन पढ़ा है की आमजन या मीडिआ द्वारा जो भी जानकारी प्रशासनिक अधिकारियों के संघान मे लाई जाति है उस पर प्रशासनिक अधिकारी जांच के माध्यम से उस मामले मे लक्ष्मी कृपा प्राप्त करके उस समस्त मामले को तिलांजलि दे देते है और फिर हो जाता है पत्रों का सिलसिला आरम्भ जो की कई माह तक चलता रहता है और अंत मे मामला बिलुप्त हो जाता है इसलिए प्रशासनिक अधिकारियों को चाहिए की निष्पक्षता से मीडिआ और आम जनता द्वारा बताये गये मामलो पर बेधानिक कारवाही करे और एक बेहतर सुशासन के प्रति आमजन मे विश्वास पैदा करने के लिए प्रयास करे जिससे की किसानों को परेशान न होना पड़े क्युकी ये वाही किसान है जिसके बल्बूते पर देश की अर्थव्यस्था टिकी हुई है और आज वही दर दर की ठोकरे खाता हुआ घूम रहा है और हर जगह प्रशासन के मलिंदो की मार भी झेल रहा है।
जिला चीफ ब्यूरो शिवपुरी…….
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