देवन्द्र सिंह तोमर
ग्वालियर— राजकुमार शर्मा
मध्यप्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के बड़े भाई देवेंद्र तोमर का रविवार रात भोपाल के चिरायु अस्पताल में निधन हो गया हैं। उनको लंग्स में इंफेक्शन था, जिसके चलते रविवार सुबह उनकी हालत बिगड़ने पर ग्वालियर से एयर एम्बुलेंस के जरिए हैदराबाद के KIMS (कृष्णा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस) हॉस्पिटल में भर्ती
रास्ते में हालत बिगड़ने पर भोपाल में इमरजेंसी लैंडिंग कराते हुए उनको भोपाल के चिरायु अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया है। जब पांच दिन पहले उनको ऊर्जा मंत्री ग्वालियर के अपोलो हॉस्पिटल ले जा रहे थे तो उनकी आखिरी बातचीत हुई थी।
तब देवेंद्र ने छोटे भाई (प्रद्युम्न सिंह तोमर) से कहा था कि मुझे अस्पताल मत ले जाओ, मैं अब लौट कर घर नहीं आऊंगा। यही बात उनकी याद करते-करते ऊर्जा मंत्री भावुक हो रहे हैं।
बता दें भाजपा नेता देवेंद्र तोमर तीन बार नगर निगम परिषद में पार्षद निर्वाचित हुए हैं। वह साल 2009 में नगर निगम परिषद में नेता प्रतिपक्ष रह चुके हैं। उनकी एक बेटी व बेटा है। बेटी जज है और बेटा रेस्टोरेंट का संचालन करता है। असल मायने में ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के राजनीतिक गुरु उनके बड़े भाई देवेंद्र तोमर ही थे।
बताया गया है कि उनके लंग्स में इंफेक्शन बढ़ता जा रहा था। हाल ही में उनको ग्वालियर के अपोलो हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। जहां शनिवार रात से लगातार उनकी हालत बिगड़ती जा रही थी।
अपोलो के डॉक्टर, ग्वालियर मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर के साथ-साथ दिल्ली और हैदराबाद के लंग्स स्पेशलिस्ट भी उनका इलाज कर रहे थे। रविवार को हालत ज्यादा बिगड़ने पर डॉक्टर ने उनको हैदराबाद KIMS हॉस्पिटल में भर्ती करने के लिए कहा था।
जिसके बाद तत्काल मरीज की नाजुक हालत को देखते हुए ग्रीन कॉरिडोर बनाकर एयर एम्बुलेंस की जरिए पेशेंट को हैदराबाद के लिए ले जाया गया था, लेकिन भोपाल में ही एयर एम्बुलेंस की इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई थी। चिरायु हॉस्पिटल में देवेंद्र तोमर ने रविवार रात आखिरी सांस ली हैं।
तीन भाइयों में सबसे बड़े थे देवेंद्र तोमर
ग्वालियर के हजीरा निवासी देवेंद्र तोमर परिवार में सबसे बड़े थे। देवेंद्र तीन भाई हैं। सबसे बड़े खुद देवेंद्र थे, जबकि उनसे छोटे वर्तमान में ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर हैं, जबकि सबसे छोटा भाई बबलू उर्फ सतेन्द्र सिंह तोमर है।
ग्वालियर पहुंची देवेंद्र की पार्थिव देह, गांव नाओली अंबाह मुरैना में होगा अंतिम संस्कार
पूरा मैनेजमेंट संभालते थे देवेंद्र
बताया गया है कि देवेंद्र तोमर पार्षद व नेता प्रतिपक्ष रह चुके हैं। पहले वह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता थे, बाद में ऊर्जा मंत्री के मार्च 2020 में भाजपा से जुड़ जाने के बाद उन्होंने भी कांग्रेस में सभी पद व सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। प्रद्युम्न सिंह तोमर के चुनाव का पूरा प्रबंधन व रणनीति वही बनाते थे।
देवेंद्र थे राजनीति के चाणक्य
पूर्व नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र तोमर को स्थानीय राजनीति में चाणक्य कहा जाता है। निगम में नेता प्रतिपक्ष के कार्यकाल के समय उनके सवालों व तर्क से महापौर से लेकर आयुक्त तक बचते थे। नगर निगम में उनकी तूती बोलती थी।
जनता के लिए भाई से भिड़ गए थे
तीन बार के पार्षद व निगम में नेता प्रतिपक्ष चुके देवेंद्र सिंह तोमर ने साल 2016 में कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देकर सनसनी फैला दी थी। साल 2016 में तानसेन रोड स्थित अपार्टमेंट के बाहरी हिस्से में निगम द्वारा दुकानों की तोड़फोड़ पर विरोध और फिर अदालत में जमानत आवेदन न देने पर उनकी अपने छोटे भाई और उस समय पूर्व विधायक प्रद्युम्न सिंह तोमर (वर्तमान में ऊर्जा मंत्री) से तकरार हुई थी। इसके बाद पार्टी को इस्तीफा भेज दिया था।
ग्वालियर ब्यूरो चीफ
राजकुमार शर्मा
Discover more from The Bharat 24 News
Subscribe to get the latest posts sent to your email.