भोपाल ; विकाश मौर्य

तस्वीरें भोपाल और जबलपुर की हैं। दोनों ही शहरों में गुरुवार सुबह घना कोहरा छाया रहा।
मध्यप्रदेश में इन दिनों शीतलहर का असर बढ़ गया है और आज 14 जिलों में शीतलहर का अलर्ट जारी किया गया है। प्रदेश के कई शहरों में रात का तापमान 7 डिग्री सेल्सियस से नीचे पहुंच गया है, जिससे कड़ाके की ठंड पड़ रही है। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन समेत पूरे प्रदेश में ठंड का प्रभाव बढ़ रहा है, और दिन में भी ठंड से कंपकंपी छूट रही है। मौसम विभाग का कहना है कि अगले तीन दिन तक ऐसी ही सर्दी बनी रहेगी।
शीतलहर का अलर्ट जिन जिलों में जारी किया गया है, उनमें भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर के साथ-साथ मुरैना, भिंड, दतिया, राजगढ़, सागर, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, दमोह, उमरिया और कटनी शामिल हैं। बुधवार को प्रदेश के 37 जिलों में सुबह मध्यम से घना कोहरा छाया था, जिससे विजिबिलिटी घटकर 50 मीटर तक रह गई, विशेष रूप से भोपाल, उज्जैन और शाजापुर में।
ठंड का कारण जम्मू, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और लद्दाख में हो रही बर्फबारी है, जिससे प्रदेश में सर्द हवाएं आ रही हैं। इसके अलावा, कोहरे के कारण खंडवा में एक यात्री बस की जननी एक्सप्रेस से भिड़ंत हो गई, जिससे कुछ क्षति हुई।
खंडवा में कोहरे के कारण हादसा
खंडवा में गुरुवार सुबह कोहरे के कारण एक यात्री बस और जननी एक्सप्रेस के बीच भिड़ंत हो गई। इस हादसे में जननी एक्सप्रेस की एम्बुलेंस का आगे का हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। जननी एक्सप्रेस के कर्मचारी के अनुसार, घटना के समय हल्का कोहरा था और उनकी गाड़ी साइड से चल रही थी। इसी दौरान केवलराम नामक बस ने ओवरटेक करते हुए रॉन्ग साइड पर आकर टक्कर मार दी। दुर्घटना से बचने के प्रयास में जननी एक्सप्रेस के चालक ने गाड़ी को सड़के के किनारे उतार दिया, लेकिन फिर भी बस ने टक्कर मार दी।
बर्फबारी हो रही, इसलिए बढ़ रही ठंड
वर्तमान में जम्मू, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और लद्दाख में बर्फबारी हो रही है, जिससे इन क्षेत्रों से सर्द हवाएं मध्यप्रदेश की ओर आ रही हैं। आने वाले दिनों में बर्फ के पिघलने के साथ-साथ हवाओं की रफ्तार तेज होने की संभावना है, जिससे प्रदेश में ठंड का असर और बढ़ेगा। इस मौसम में सर्द हवाओं के कारण जनवरी में मध्यप्रदेश का मौसम ठंडा बना रहेगा। मौसम विभाग ने अनुमान जताया है कि अगले 20 से 22 दिन तक शीतलहर चलने की संभावना है, जिससे ठंड की स्थिति और अधिक गंभीर हो सकती है।
भोपाल की 3 तस्वीरें देखिए-

भोपाल में घास पर जमी ओस की शानदार तस्वीर।

भोपाल में गुरुवार सुबह भी घना कोहरा छाया रहा।

भोपाल में कड़ाके की ठंड से बचने लोग अलाव तापते नजर आए।
भोपाल में आज भी घना कोहरा रहा
भोपाल में गुरुवार सुबह भी घने कोहरे में लिपटी रही। सुबह 7:30 बजे तक श्यामला हिल्स स्थित स्मार्ट सिटी हॉस्पिटल रोड पर घने कोहरे के कारण वाहन 10 से 20 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चले।
बारिश थमते ही ठंड का असर बढ़ा
वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) की सक्रियता के कारण दिसंबर के आखिरी दिनों में मध्यप्रदेश में बारिश और ओले का दौर देखने को मिला। भोपाल, इंदौर, जबलपुर, उज्जैन समेत 45 से अधिक जिलों में बारिश हुई, और 20 जिलों में ओले गिरे। बारिश का दौर समाप्त होते ही ठंड का असर बढ़ गया, और मध्यप्रदेश में कड़ाके की सर्दी शुरू हो गई। 2024 की आखिरी रात भी ठंडी रही, और नए साल 2025 के पहले दिन सर्दी का प्रभाव बना रहा। यह ठंड अगले कुछ दिनों तक जारी रहने की संभावना है, जैसा कि मौसम विभाग ने अनुमान जताया है।
अगले 3 दिन ऐसा रहेगा मौसम
.2 जनवरी: भोपाल, ग्वालियर, इंदौर, उज्जैन, जबलपुर, श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, शिवपुरी, गुना, अशोक नगर, सागर, विदिशा, रायसेन, राजगढ़, नीमच, मंदसौर, रतलाम, आगर-मालवा, देवास, शाजापुर, सीहोर, हरदा, बैतूल, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, दमोह, कटनी, उमरिया, सतना, मैहर, रीवा, मऊगंज, सीधी और सिंगरौली में मध्यम से घना कोहरा रहेगा। वहीं, भोपाल, ग्वालियर, मुरैना, भिंड, दतिया, राजगढ़, सागर, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, दमोह, जबलपुर, उमरिया, कटनी में शीतलहर भी चलेगी।
.3 जनवरी: जबलपुर, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, सागर, दमोह में शीतलहर चलने का अलर्ट है। वहीं, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, शिवपुरी, नीमच, मंदसौर, आगर-मालवा, राजगढ़, शाजापुर, सीहोर, रायसेन, विदिशा, गुना, अशोकनगर, सागर, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, दमोह, उमरिया, सतना, रीवा, मैहर, मऊगंज, सीधी और सिंगरौली में कोहरा छाया रहेगा।
4 जनवरी: निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, सागर, दमोह, सतना, मैहर, रीवा, मऊगंज, सीधी और सिंगरौली में कोहरा रहेगा।
भोपाल, उज्जैन में 50 मीटर विजिबिलिटी नए साल की पहली सुबह पर कड़ाके की सर्दी रही। वहीं, कई शहर कोहरे के आगोश में रहे। भोपाल, उज्जैन और शाजापुर में इतना घना कोहरा रहा कि 50 मीटर बाद कुछ नहीं दिखा। भोपाल में सुबह 9 बजे के बाद सूर्य देव के दर्शन हुए। सागर, बालाघाट के मलाजखंड और दमोह में 200 से 500 मीटर तक विजिबिलिटी रही। वहीं, नर्मदापुरम, इंदौर, रायसेन में 500 से 1000 मीटर और ग्वालियर, राजगढ़, शिवपुरी, जबलपुर में 1-2 किमी विजिबिलिटी रही।
नवंबर-दिसंबर में रिकॉर्ड तोड़ चुकी ठंड
इस बार मध्यप्रदेश में कड़ाके की ठंड पड़ रही है, और नवंबर-दिसंबर के महीने में ठंड ने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। नवंबर में भोपाल में 36 साल का रिकॉर्ड टूटा, जहां पारा सामान्य से काफी नीचे चला गया। इंदौर, उज्जैन, जबलपुर और ग्वालियर जैसे शहरों में भी तापमान 7 डिग्री तक नीचे दर्ज किया गया। दिसंबर में भी ठंड का असर रिकॉर्ड तोड़ रहा है, और पूरे प्रदेश में यह महीना जनवरी से भी ज्यादा ठंडा रहा।
भोपाल में दिसंबर की सर्दी ने 58 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। 9 दिनों तक शीतलहर जारी रही, जिससे ठंड का प्रभाव और बढ़ गया। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर समेत कई जिलों में स्कूलों की टाइमिंग बदल दी गई है ताकि बच्चों को सर्दी से बचाया जा सके। इसके अलावा, भोपाल के वन विहार नेशनल पार्क में जानवरों को सर्दी से बचाने के लिए हीटर लगाए गए। यहां तक कि भगवान को भी ठंड से बचाने के लिए विशेष उपाय किए गए हैं।
भोपाल में 0.6 डिग्री पहुंच चुका टेम्परेचर
भोपाल में जनवरी के महीने में कड़ाके की ठंड पड़ने की एक लंबी परंपरा रही है, लेकिन इस महीने में दिन में कभी-कभी गर्मी का अहसास भी होता है और बारिश का ट्रेंड भी देखने को मिलता है। 18 जनवरी 1935 को रात का तापमान रिकॉर्ड 0.6 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया था, जो बेहद ठंडा था। वहीं, 26 जनवरी 2009 को दिन में तापमान 33 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था, जो गर्मी का संकेत था।
पिछले 10 वर्षों में से 7 सालों में जनवरी में बारिश हो चुकी है। 6 जनवरी 2004 को 24 घंटे के दौरान सबसे ज्यादा 2 इंच बारिश हुई थी, जबकि जनवरी 1948 में सबसे ज्यादा मासिक बारिश 3.8 इंच रिकॉर्ड की गई थी। ये आंकड़े दर्शाते हैं कि जनवरी में भोपाल का मौसम विविधतापूर्ण होता है, जिसमें कड़ाके की ठंड और कभी-कभी गरमी और बारिश का मिलाजुला अनुभव होता है।
दी भारत 24 न्यूज़ भोपाल
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