ग्वालियर:- राजकुमार शर्मा

ग्वालियर प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट
ग्वालियर में 76वां गणतंत्र दिवस वाकई एक भव्य और यादगार अवसर था! ऐतिहासिक एसएएस ग्राउंड पर आयोजित मुख्य समारोह में प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट का ध्वजारोहण और संयुक्त परेड की सलामी ने इस दिन को और भी खास बना दिया। यह समारोह न केवल प्रशासनिक सम्मान का प्रतीक था, बल्कि यह पूरे ग्वालियर शहर में राष्ट्रीय गर्व और एकता का जश्न था।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन और विभिन्न विभागों की झांकियां इस आयोजन का आकर्षण और रंगत बढ़ा देती हैं। झांकियों के माध्यम से क्षेत्रीय संस्कृति, परंपराओं और विकास कार्यों को दर्शाना एक बेहतरीन तरीका होता है जिससे नागरिकों को उनके योगदान और राष्ट्र की विविधता का अहसास होता है।
मुख्यमंत्री के संदेश का वाचन किया
गणतंत्र दिवस में मुख्य अतिथि सिलावट ने ध्वज फहराने के बाद प्रदेश की जनता के नाम मुख्यमंत्री के संदेश का वाचन किया। स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों, कारगिल शहीदों के परिजन एवं लोकतंत्र सेनानियों का सम्मान भी मुख्य अतिथि द्वारा किया जाएगा। साथ ही स्कूली बच्चों के रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी समारोह का मुख्य आकर्षण हैं।
भारतीय गरिमा के शीर्ष उत्सव गणतंत्र दिवस की वर्षगांठ पर जिला मुख्यालय समेत विकास खंड, तहसील और ग्राम स्तर पर राष्ट्रीयता की भावना पर आधारित विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए और शान के साथ राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया।

स्कूली बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां दी।
सांस्कृतिक कार्यक्रम और विभागों की झांकियां इस तरह के आयोजनों का दिल होते हैं। जहां एक ओर सांस्कृतिक कार्यक्रमों से देश की विविधता और समृद्ध परंपराओं का जश्न मनाया जाता है, वहीं विभागों की झांकियां यह दर्शाती हैं कि विभिन्न सरकारी विभागों ने किस तरह से देश की प्रगति में योगदान दिया है।
झांकियों के माध्यम से आमतौर पर विकास, समाज सेवा, पर्यावरण और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान आकर्षित किया जाता है। यह न केवल समारोह को रोचक बनाता है, बल्कि लोगों को यह भी समझने का मौका मिलता है कि उनके आसपास कौन-कौन सी पहलें चल रही हैं जो समाज के कल्याण के लिए महत्वपूर्ण हैं।
जवान का हैरत अंगेज कारनामा, दांत से खींची आठ कार

एसएएफ मैदान पर जवान सुनील यादव ने अपने दांतों से आठ कारों को खींचकर सभी को चौंका दिया। यह न केवल उनकी शारीरिक ताकत और साहस का प्रतीक था, बल्कि उनके कठिन परिश्रम और समर्पण का भी परिणाम था। ऐसी ताकत और साहस को देखकर न केवल अफसर बल्कि प्रभारी मंत्री भी हैरान रह गए।
सुनील यादव का यह करतब यह साबित करता है कि नियमित प्रैक्टिस और खुद पर विश्वास किसी भी कार्य को संभव बना सकते हैं। जब एक व्यक्ति अपने लक्ष्य के प्रति पूरी तरह समर्पित रहता है, तो वह असंभव को भी संभव बना सकता है। यह उदाहरण दूसरों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनता है, खासकर युवा पीढ़ी के लिए।
दी भारत 24 न्यूज़ भोपाल
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