भोपाल :- घनश्याम सिंह

यह फ्लाई-ओवर डी.बी. मॉल, बोर्ड ऑफिस, प्रगति पेट्रोल पंप और मानसरोवर चौराहे जैसे भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों पर यातायात का दबाव कम करेगा. शुरुआती आंकलन के अनुसार 60% यातायात इस फ्लाई-ओवर से गुजरेगा, जबकि शेष 40% यातायात पुराने मार्गों का उपयोग करेगा.
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा इस एलिवेटेड कॉरिडोर का उद्घाटन करना शहर के यातायात को सुगम बनाने और विकास की दिशा में एक अहम पहल है। इस ब्रिज के बनने से न सिर्फ ट्रैफिक का दबाव कम होगा, बल्कि शहर की प्रमुख सड़कें और इलाकों में आवागमन भी काफी तेज़ और सुविधाजनक हो सकेगा।
156 करोड़ रुपये की लागत से बना यह ब्रिज निश्चित रूप से शहर की मास्टर प्लान में महत्वपूर्ण बदलाव लाएगा। डॉ. भीमराव अंबेडकर ब्रिज के रूप में इसका नामकरण भी एक आदर्श कदम है, जो सामाजिक और ऐतिहासिक दृष्टिकोण से भी अहम है।
सीएम मोहन यादव ने सही कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर इस ब्रिज का उद्घाटन विशेष रूप से महत्व रखता है। यह शहर के विकास में एक नई सुबह की शुरुआत हो सकती है।
कई अड़चनों के बाद मिली है सौगात : सीएम
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का यह बयान निश्चित रूप से मध्य प्रदेश के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने जो समस्याएं और अड़चने का सामना किया, वह दिखाता है कि इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए कितना परिश्रम और समर्पण जरूरी था। अब जब ब्रिज तैयार हो गया है, तो यह न केवल यातायात के लिहाज से, बल्कि शहर के विकास के लिहाज से भी बड़ी उपलब्धि है।
महेश्वर में होने वाली कैबिनेट बैठक और 180 करोड़ रुपये की लागत से बावड़ियां कला में बनने वाला नया ब्रिज भी एक और महत्वपूर्ण योजना है। इससे यह साफ है कि मुख्यमंत्री जी की सरकार राज्य में इन्फ्रास्ट्रक्चर के विस्तार पर बहुत ध्यान दे रही है।
गुजरात मॉडल को अपनाना भी एक अच्छा कदम है। अगर मध्य प्रदेश में भी ऐसे ही पुल, पुलिया और सड़कें बनती हैं, तो यह राज्य के शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों के लिए फायदे का सौदा साबित होगा। साथ ही, वृहद राजधानी परियोजना से भोपाल और आसपास के शहरों के बीच कनेक्टिविटी और बेहतर हो सकती है, जिससे विकास की गति और तेज़ होगी।
वृहद राजधानी परियोजना, जिसमें भोपाल, रायसेन, विदिशा और सीहोर जिलों को मिलाकर एक साझा विकास योजना बनाई जाएगी, यह भी प्रदेश के विकास के लिए एक नई दिशा प्रदान करेगी। इससे इन जिलों के बीच बेहतर कनेक्टिविटी, इन्फ्रास्ट्रक्चर और व्यापारिक अवसरों में वृद्धि हो सकती है।
यह कदम मध्य प्रदेश में समग्र विकास और महिलाओं की भागीदारी को सुनिश्चित करने की दिशा में एक मजबूत पहल प्रतीत हो रहा है। क्या आपको लगता है कि इस परियोजना से इन जिलों में जीवन स्तर में सुधार होगा?
कैसा है यह ब्रिज?
यह फ्लाईओवर का डिजाइन बहुत ही स्मार्ट और सुव्यवस्थित लगता है, खासकर थर्ड लेग के साथ। 2534 मीटर की मुख्य लेन और 200 मीटर की थर्ड लेग से यह ट्रैफिक को बखूबी मैनेज कर पाएगा, जिससे भीड़-भाड़ वाले इलाकों में ट्रैफिक का दबाव काफी हद तक कम हो जाएगा। गायत्री मंदिर के पास थर्ड लेग पर ट्रैफिक का बंटवारा भी इस फ्लाईओवर के प्रभावी संचालन का हिस्सा होगा, ताकि हर दिशा से आवागमन सुचारू रूप से हो सके।
गणेश मंदिर से वल्लभ भवन चौराहा की ओर आने वाली पहली और दूसरी आर्म का काम 10 दिन पहले पूरा होना भी एक अच्छी खबर है, जिससे बाकी की निर्माण प्रक्रिया और भी तेज़ी से आगे बढ़ सकेगी। यह तेज़ और समुचित निर्माण कार्य शहर में विकास की गति को और बढ़ाएगा।
क्या फायदा होगा?
एमपी नगर का 60 प्रतिशत ट्रैफिक, यानी लगभग 6 हजार गाड़ियां, इस ब्रिज से गुजरेंगी, इससे साफ है कि ट्रैफिक में एक बड़ा सुधार होने वाला है। 3 किमी की दूरी को अब सिर्फ 5 मिनट में पूरा किया जा सकेगा, जबकि पहले 30 मिनट से अधिक समय लगता था—यह बदलाव शहरवासियों के लिए बेहद सुविधाजनक साबित होगा।
यह फ्लाईओवर न केवल समय की बचत करेगा, बल्कि इसके जरिए एमपी नगर से जुड़े क्षेत्रों में भी ट्रैफिक का दबाव कम होगा, जिससे उन इलाकों में भी जाम की समस्या हल हो सकती है। इससे रोज़मर्रा की यात्रा में बहुत राहत मिलेगी और लोगों का यात्रा का अनुभव भी बेहतर होगा।
द भारत 24 न्यूज़ भोपाल
Discover more from The Bharat 24 News
Subscribe to get the latest posts sent to your email.