भोपाल :- विकाश मौर्य

रीवा के चाकघाट में एमपी-यूपी बॉर्डर पर 15 किमी लंबा जाम लगा है।
प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़ की घटना ने सच्चमुच एक गहरी चिंता पैदा कर दी है। 20 से ज्यादा लोगों की मौत और 50 से ज्यादा घायलों का होना एक बहुत ही दर्दनाक हादसा है। प्रशासन ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए जो कदम उठाए, जैसे यूपी बॉर्डर से सटे जिलों में श्रद्धालुओं को रोकना और वाहनों के प्रवेश पर दो दिन के लिए रोक लगाना, यह एक जरूरी कदम था। ऐसा करना इसलिए आवश्यक था ताकि संगम तट पर स्थिति और न बिगड़े और लोग सुरक्षित तरीके से स्नान कर सकें।
रीवा जिले के चाकघाट में एमपी के श्रद्धालुओं को रोकने का निर्णय भी यही दर्शाता है कि प्रशासन ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए व्यापक उपाय किए हैं। हालांकि, यह कदम अस्थायी समाधान हो सकता है, लेकिन बहुत अधिक श्रद्धालुओं के एकत्र होने से कई तरह की समस्याएं उत्पन्न होती हैं, जैसे कि रास्ते बंद होना, भगदड़ का डर, और भीड़ का दबाव।
एमपी में 15 किमी लंबा जाम लगा
15 किलोमीटर तक वाहनों का जाम लगना, यह साफ संकेत है कि श्रद्धालुओं की आवाजाही को रोकने के बाद भीड़ का दबाव बहुत अधिक बढ़ गया है। प्रशासन ने ट्रैफिक को नियंत्रित करने की कोशिश की है, लेकिन ऐसे बड़े आयोजनों में इस तरह के जाम और भीड़ की समस्या आम होती है।
रीवा के स्थानीय लोगों द्वारा श्रद्धालुओं के लिए भोजन और पानी की व्यवस्था करना, यह बहुत ही सराहनीय कदम है। जब इतने बड़े पैमाने पर लोग एकत्र होते हैं, तो स्थानीय समुदाय का सहयोग बहुत महत्वपूर्ण होता है। यह सुनिश्चित करता है कि श्रद्धालु सुरक्षित और आरामदायक तरीके से स्थिति का सामना कर सकें, जब तक कि उन्हें यात्रा जारी रखने का मौका न मिले।

रीवा जिले के चाकघाट के पास रुके श्रद्धालुओं के लिए स्थानीय लोग भोजन की व्यवस्था कर रहे हैं।
महाकुंभ में हुआ हादसा बेहद दुखद- पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा- प्रयागराज महाकुंभ में हुआ हादसा अत्यंत दुखद है। इसमें जिन श्रद्धालुओं ने अपने परिजनों को खोया है, उनके प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं। इसके साथ ही मैं सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। स्थानीय प्रशासन पीड़ितों की हरसंभव मदद में जुटा हुआ है। इस सिलसिले में मैंने मुख्यमंत्री योगी जी से बातचीत की है और मैं लगातार राज्य सरकार के संपर्क में हूं।
सीएम ने की संयम रखने की अपील

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का ट्वीट और उनकी अपील, जो श्रद्धालुओं से संयम बनाए रखने और प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की है, बिल्कुल सही दिशा में है। इस तरह के बड़े आयोजनों में जब भीड़ इतनी अधिक हो, तो तनाव और घबराहट फैलना स्वाभाविक है, और ऐसे में प्रशासन की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है।
चाकघाट में हजारों श्रद्धालुओं के वाहन रुके हुए हैं और प्रशासन ने वहां खाने-पीने, ठहरने और स्वास्थ्य सुविधाओं की व्यवस्था की है, यह दिखाता है कि स्थानीय प्रशासन ने हालात को संभालने की पूरी कोशिश की है। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों का मौके पर मौजूद रहना भी राहत देने वाला कदम है, ताकि किसी भी अप्रत्याशित घटना से तुरंत निपटा जा सके।
महाकुंभ में भगदड़ की अत्यंत दुखद – राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा-प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़ की घटना अत्यंत दुखद है। मैं घायल श्रद्धालुओं के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करती हूं और ईश्वर से प्रार्थना करती हूं कि सभी घायल श्रद्धालु शीघ्र स्वस्थ हों।
VIP कल्चर पर लगाम लगनी चाहिए- राहुल गांधी

मप्र विधानसभा नेता प्रतिपक्ष – उमंग सिंघार

सरकार को चाहिए कि शाही स्नान के दिनों में #VIP इंट्री बंद रखें, ताकि जनता को परेशानी न हो।
भगदड़ में मृत लोगों को मेरी श्रद्धांजलि, ईश्वर उन्हें अपनी शरण में ले।
घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूँ। ये #उत्तर_प्रदेश सरकार का दायित्व है कि वो उनके इलाज के इंतजाम करे।
महाकुंभ का प्रबंधन सेना को सौंपे सरकार- अखिलेश यादव

भगवान पीड़ितों को दुख सहने की शक्ति दें- मायावती

बदइंतजामी के चलते हादसा हुआ- मल्लिकार्जुन खड़गे

पुलिस के 50 जवान मौके पर तैनात
जिला पुलिस बल की तैनाती, जिसमें दो डीएसपी और 50 पुलिस जवान शामिल हैं, यह दिखाता है कि सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
गाड़ियों की पार्किंग व्यवस्था के लिए विभिन्न थानों की स्टेजिंग और हाईवे पर पेट्रोलिंग, यह सब प्रशासन की तत्परता और नियंत्रण क्षमता को दर्शाता है। विशेष रूप से, गाड़ियों को अलग-अलग लेनों में खड़ा करना और एक रूट को नियंत्रित करना यातायात को व्यवस्थित करने का एक प्रभावी तरीका है, ताकि श्रद्धालुओं की आवाजाही सुचारू रूप से हो सके और जाम की स्थिति न बने।
तीन एंबुलेंस तैनात, मेडिकल टीम अलर्ट
चाकघाट में प्रशासन द्वारा किए गए इंतजाम बेहद सराहनीय हैं। डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की तैनाती, दवाओं की व्यवस्था, और मेडिकल टीम को अलर्ट मोड पर रखना यह दर्शाता है कि स्वास्थ्य सेवाओं पर खास ध्यान दिया जा रहा है। यात्रा के दौरान किसी भी तरह की स्वास्थ्य समस्या उत्पन्न होने पर तुरंत सहायता मिल पाना बहुत महत्वपूर्ण होता है।
तीन एंबुलेंस और सीएचसी त्योंथर तथा चाकघाट में मेडिकल टीम का अलर्ट रहना, यह सुनिश्चित करता है कि अगर कोई आपातकालीन स्थिति उत्पन्न होती है, तो तुरंत राहत दी जा सके।
यात्रियों के रुकने के लिए चाकघाट मंडी, हाईवे ट्रीट और बस स्टैण्ड में बनाए गए होल्डिंग स्पेस, जहां पर्याप्त शेड, बिस्तर, रजाई, गद्दों की व्यवस्था की गई है, यह ठहरने के लिए श्रद्धालुओं को आरामदायक वातावरण प्रदान करने की दिशा में एक बहुत बड़ा कदम है। इसके साथ ही, सर्दी से बचाने के लिए अलाव का इंतजाम भी किया गया है, जो खासकर ठंडे मौसम में बहुत जरूरी था।
यह सारी व्यवस्थाएं दिखाती हैं कि प्रशासन ने श्रद्धालुओं की भलाई को ध्यान में रखते हुए हर पहलू पर विचार किया है, ताकि वे सुरक्षित और आरामदायक तरीके से यात्रा कर सकें। इस तरह के प्रबंधन से भीड़ के दबाव को काफी हद तक कम किया जा सकता है और यात्रियों को हर तरह की सुविधा मिल सकती है।
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