डबरा :- अमित रावत

भितरवार जनपद सभागार में ट्रेनिंग कार्यक्रम के दौरान अनुशासनहीनता का मामला सामने आया है। जिला पंचायत सीईओ के निर्देश पर आयोजित इस ट्रेनिंग में गूगल मीट के माध्यम से आवास सर्वे और वन विभाग से भूमि की अनुमति संबंधी ऑनलाइन ट्रेनिंग दी जा रही थी।जब ट्रेनिंग जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम में कर्मचारियों का इस तरह से बगैर किसी सूचना के निकल जाना अनुशासनहीनता को दर्शाता है। जनपद सीईओ एलएन पीपल का यह कदम सही प्रतीत होता है, क्योंकि यह न केवल कर्मचारियों को अनुशासन सिखाने के लिए एक जरूरी कदम है, बल्कि यह भी दिखाता है कि प्रशासन इस तरह के व्यवहार को बर्दाश्त नहीं करेगा।
जनपद सीईओ एलएन पीपल की उपस्थिति में चल रही ट्रेनिंग के दौरान एक चौंकाने वाली घटना सामने आई, जब 50 सचिव और सहायक सचिव बिना किसी पूर्व सूचना के ट्रेनिंग को बीच में ही छोड़ कर चले गए। इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए जनपद सीईओ ने सभी 50 कर्मचारियों को नोटिस जारी कर एक दिन का वेतन काटने को नोटिस दिया है। कर्मचारियों को अपना पक्ष रखने के लिए समय दिया गया है। जनपद सीईओ ने स्पष्ट किया है कि यदि समय पर संतोषजनक जवाब नहीं मिलता है, तो वेतन काटने की कार्रवाई की जाएगी।

जनपद सीईओ एलएन पिप्पल ने कहा कि यह ट्रेनिंग महत्वपूर्ण थी और कर्मचारियों का इस तरह बीच में चले जाना अनुशासनहीनता का गंभीर मामला है, इसलिए कार्रवाई की जा रही है।
जनपद सीईओ एलएन पिप्पल का यह बयान बिल्कुल सही है, क्योंकि अगर ट्रेनिंग महत्वपूर्ण थी और कर्मचारियों ने बिना किसी सूचना के इसे छोड़ दिया, तो यह न केवल उनकी लापरवाही को दर्शाता है, बल्कि काम के प्रति उनके अनुशासन और प्रतिबद्धता पर भी सवाल उठता है। ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई से यह संदेश जाता है कि कोई भी जिम्मेदारी से बचने का प्रयास नहीं कर सकता और न ही काम में लापरवाही बरत सकता है।
यह कार्रवाई बाकी कर्मचारियों के लिए एक उदाहरण भी बनेगी और वे भविष्य में अपने कर्तव्यों को गंभीरता से निभाने की कोशिश करेंगे। अब यह भी देखना होगा कि कर्मचारियों से जवाब मिलने के बाद क्या कदम उठाए जाते हैं
द भारत 24 न्यूज़ भोपाल
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