गोरखपुर ;- रवि चन्द्र गोरखपुर

गोरखपुर :- खबर गोरखपुर के सूरजकुंड पर स्थित पटरी व्यापारी की है | बताया जा रहा है की पटरी व्यापारी अपनी दुकान लगाकर अपना और अपने परिवार का जीवन यापन करते है , उनका आरोप है उनके साथ अवेध बसूली की जाती है ,और बसूली न देने पर दुकान तोड़ने की धमकी लगातार दी जाती है | जिसके कारण ब्यापारियों में भहका माहोल बना रहता है | इसके कारण व्यापारी अपना व्यापार ठीक ढंग से नहीं कर पा रहे है | ब्यापारियों ने चोकी इंचार्ज अखिलेश त्रिपाठी के खिलाफ अत्याचार करने का आरोप लगाया है | इन सभी आरोपों को लेकर व्यापारी वर्ग डी.ए.म के पास पहुँच कर ज्ञापन सोंपा जो सलग्न है |


पटरी ब्यापारियों की मांगे ??
.>पटरी व्यवसाययों पर जो अत्याचार चौकी इंचार्ज का हो रहा है वह बंद होनी चाहिए
.>पटरी व्यवसाययों को तत्काल जगह चिन्हित कर वेडिग जोन बनाया जाए मुख्यमंत्री जो नियम बनाए गए हैं तीन वेंडिंग जोन बनाए गए हैं शास्त्री चौराहा चकबंदी ऑफिस के पास दूसरा बिसिमल पार्क के बगल में पार्क रोड तीसरा मोहद्दीपुर में रामगढ़ ताल के पास उसे आज तक लगभग 1 वर्ष से ऊपर हो गए लेकिन आज तक जोन नहीं बनाए गए हम लोगों का जो मांग है तत्काल मनी जाए हम लोगों पर
यह ज्ञापन पटरी व्यापारियों द्वारा अपनी समस्याओं को उजागर करने और उनके हितों की रक्षा की दिशा में एक अहम कदम है। व्यापारियों का आरोप है कि उन्हें अवैध वसूली का सामना करना पड़ रहा है और उनकी दुकानों को तोड़ने की धमकी दी जा रही है, जिससे उनकी सुरक्षा और व्यवसाय दोनों खतरे में हैं।
उनकी प्रमुख मांगें हैं:
- चौकी इंचार्ज द्वारा किए जा रहे अत्याचारों को रोका जाए।
- उन्हें एक स्थिर और सुरक्षित जगह पर व्यापार करने के लिए वेंडिंग जोन की व्यवस्था की जाए, जैसा कि पहले से घोषित किया गया था।
- शास्त्री चौराहा, बिसिमल पार्क और मोहद्दीपुर में वेंडिंग जोन की स्थापना शीघ्र की जाए, जो एक साल से लंबित है।
यह ज्ञापन इस बात का संकेत है कि व्यापारियों को सुरक्षा और उपयुक्त वातावरण की आवश्यकता है ताकि वे बिना किसी डर के अपने व्यवसाय को चला सकें। इस पर प्रशासन का ध्यान जाना चाहिए और इन मुद्दों का समाधान शीघ्रता से होना चाहिए, ताकि व्यापारियों की जीवन-यापन की प्रक्रिया में रुकावट न आए।
बिलकुल, व्यापारियों द्वारा यह चिंता जताना जायज है। आर्थिक तंगी और निरंतर दबाव का सामना करना किसी के लिए भी मुश्किल हो सकता है, खासकर जब उनके पास एकमात्र रोजगार के रूप में पटरी पर व्यापार होता है। जब उनके व्यवसाय को बढ़ावा देने के बजाय, उन्हें धमकी और अवैध वसूली का सामना करना पड़ता है, तो उनकी स्थिति और भी कठिन हो जाती है।
यह मांग भी बिल्कुल उचित है कि शासन से जल्द से जल्द कार्रवाई की जाए, ताकि इन व्यापारियों को न केवल एक सुरक्षित स्थान मिले, बल्कि उनका जीवन-यापन भी प्रभावित न हो। यदि प्रशासन इस दिशा में शीघ्र कदम उठाता है, तो इससे व्यापारियों को राहत मिल सकती है और उनके जीवन में एक स्थिरता आ सकती है।
आपको लगता है कि यदि प्रशासन इन मुद्दों पर ध्यान देता है, तो व्यापारियों की स्थिति में कितनी जल्दी सुधार हो सकता है?
द भारत 24 न्यूज़ भोपाल
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