भोपाल :- विकाश मौर्य

एसडीएम अर्चना शर्मा कार्रवाई करते हुए।
यह घटना भोपाल की है, जहां एक भाजपा नेत्री के घर पर मेहंदी रस्म के दौरान तेज आवाज में डीजे बजाया जा रहा था। इस दौरान ‘झूम ले झूम ले, मजे में झूम ले’ गाना बज रहा था। शिकायत मिलने पर एसडीएम अर्चना शर्मा मौके पर पहुंचीं और उन्होंने डीजे को जब्त कर लिया।
इस दौरान एक महिला ने एसडीएम को बताया कि वह आशा वाल्मीकि हैं और विधायक भगवानदास सबनानी की कार्यकर्ता और मंडल महामंत्री भी हैं। हालांकि, एसडीएम ने उनकी बात को अनसुना करते हुए कहा कि जब उन्हें पता था कि 10 बजे के बाद डीजे नहीं बजाना चाहिए, तो उन्होंने क्यों बजाया।
इस घटना का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें एसडीएम और महिला के बीच बातचीत हो रही है। एसडीएम ने कहा कि वे कलेक्टर के निर्देशों का पालन कर रही हैं और उन्होंने डीजे को जब्त कर लिया।
शनिवार को इस मामले में थाने में केस भी दर्ज कराया जाएगा।

प्रभारी मंत्री बोले- कम हो रही कार्रवाई, कलेक्टर ने तुरंत भेजा
प्रभारी मंत्री चैतन्य काश्यप ने भोपाल में डीजे और लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर सख्ती से कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। उन्होंने कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह के साथ हुई एक मीटिंग में कहा कि शहर में ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करना जरूरी है, खासकर ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट (जीआईएस) जैसे महत्वपूर्ण आयोजनों के दौरान।
एसडीएम की टीमें गठित:
मंत्री के आदेश के बाद, भोपाल के विभिन्न इलाकों में एसडीएम के नेतृत्व में टीमें बनाई गई हैं। ये टीमें रात में तेज आवाज में डीजे और लाउडस्पीकर बजाने वालों के खिलाफ कार्रवाई कर रही हैं।
इन इलाकों में हो रही है कार्रवाई:
- गोविंदपुरा
- बैरसिया
- एमपी नगर
- कोलार
- हुजूर
- टीटी नगर
आम जनता से सहयोग की अपील:
प्रशासन ने आम जनता से भी अपील की है कि वे ध्वनि प्रदूषण के खिलाफ अपनी आवाज उठाएं और यदि कहीं तेज आवाज में डीजे या लाउडस्पीकर बजाया जा रहा है, तो इसकी सूचना तुरंत पुलिस या प्रशासन को दें।
यह कार्रवाई क्यों:
- ध्वनि प्रदूषण : तेज आवाज में संगीत और लाउडस्पीकर बजाने से ध्वनि प्रदूषण होता है, जिससे लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। खासकर बुजुर्गों, बच्चों और बीमार व्यक्तियों को इससे बहुत परेशानी होती है।
- कानून का पालन : रात में देर तक तेज आवाज में संगीत बजाना कानून का उल्लंघन है।
- शांति व्यवस्था : ध्वनि प्रदूषण से अशांति फैलती है और लोगों की नींद में खलल पड़ती है।
प्रशासन की इस पहल का उद्देश्य शहर में शांति व्यवस्था बनाए रखना और ध्वनि प्रदूषण को कम करना है।

प्रभारी मंत्री चैतन्य काश्यप ने भोपाल में डीजे और लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर सख्ती से कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं।
बसंत पंचमी पर अलर्ट मोड पर रहेगी टीमें
बसंत पंचमी और शादियों का सीजन: भोपाल में डीजे पर प्रशासन की सख्ती
बसंत पंचमी का त्योहार 3 फरवरी को है और इस शुभ अवसर पर भोपाल जिले में सैकड़ों शादियां होने वाली हैं। शादियों से पहले मेहंदी और अन्य रस्में शुरू हो चुकी हैं, जिनमें तेज आवाज में डीजे बजाया जा रहा है।
भोपाल में डीजे और लाउडस्पीकर पर प्रशासन की सख्ती, रात 10 बजे के बाद प्रतिबंध
भोपाल में बोर्ड परीक्षाओं को देखते हुए कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने लाउडस्पीकर और डीजे को लेकर सख्त आदेश जारी किए हैं। इसके बाद फ्लाइंग स्क्वॉड बनाकर सभी एसडीएम कार्रवाई के लिए मैदान में उतरे हैं। अब तक 90 से अधिक लाउडस्पीकर उतारे जा चुके हैं, लेकिन प्रभारी मंत्री काश्यप ने और कड़ी कार्रवाई करने को कहा है। इसलिए टीमें फिर से एक्टिव हो गई हैं।
कलेक्टर के आदेश:
- रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक किसी भी प्रकार का साउंड सिस्टम बंद रहेगा।
- डीजे यूनिट पर सिर्फ एक साउंड सिस्टम ही लगा सकेंगे।
- यह प्रतिबंधात्मक आदेश भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 के तहत जारी किए गए हैं।
- आदेश में जिले के सभी धार्मिक स्थल, औद्योगिक, कॉमर्शियल, रहवासी में ध्वनि यंत्रों (लाउडस्पीकर, डीजे) के अनियंत्रित एवं नियम खिलाफ प्रयोग पर रोक लगाने की बात कही गई है।
प्रशासन की कार्रवाई:
- फ्लाइंग स्क्वॉड बनाकर सभी एसडीएम कार्रवाई के लिए मैदान में उतरे हैं।
- अब तक 90 से अधिक लाउडस्पीकर उतारे जा चुके हैं।
- प्रभारी मंत्री काश्यप ने और कड़ी कार्रवाई करने को कहा है।
- टीमें फिर से एक्टिव हो गई हैं।
यह कार्रवाई क्यों:
- बोर्ड परीक्षाओं को देखते हुए ध्वनि प्रदूषण को कम करना जरूरी है।
- ध्वनि प्रदूषण से विद्यार्थियों की पढ़ाई में बाधा उत्पन्न होती है।
- बुजुर्गों और बीमार व्यक्तियों को भी इससे काफी तकलीफ होती है।
- रात में देर तक तेज आवाज में संगीत बजाना कानून का उल्लंघन है।
- ध्वनि प्रदूषण से अशांति फैलती है और लोगों की नींद में खलल पड़ती है।

कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने डीजे और लाउडस्पीकर को लेकर जारी किए थे आदेश।
कलेक्टर के आदेश में लिखी यह बातें
- सार्वजनिक आपात स्थिति को छोड़कर रात 10 से सुबह 6 बजे तक पूरे जिले में सभी प्रकार के ध्वनि विस्तारक यंत्रों एवं तीव्र संगीत का उपयोग नहीं किया जा सकेगा।
- सभी डीजे संचालक, होटल, रेस्टोरेंट और बार को डीजे यूनिट के संचालन का नियमानुसार लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा।
- किसी भी डीजे यूनिट पर अधिकतम एक साउंड सिस्टम (जिनकी ध्वनि निर्धारित मापदंडों के अनुसार अथवा उससे कम का हो) का ही उपयोग किया जा सकेगा।

धार्मिक स्थलों से भी लाउडस्पीकर उतारे जा रहे हैं।
एडीएम से लेनी होगी परमिशन
ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग सुबह 6 से रात 10 बजे तक एडीएम, पुलिस उपायुक्त की अनुमति से किया जा सकेगा, लेकिन यह अनुमति 2 घंटे से अधिक की नहीं होगी। ध्वनि विस्तारक विस्तारक यंत्रों के उपयोग की अनुमति कार्यक्रम परिसर में ही दी जाएगी। ध्वनि विस्तारक यंत्र के उपयोग के लिए दी गई अनुमति में भारत सरकार द्वारा निर्धारित नियमों का उल्लेख किया जाए।
ध्वनि विस्तारक यंत्रों के उपयोग के लिए अनुमति और नियम
भोपाल में ध्वनि विस्तारक यंत्रों के उपयोग को लेकर कुछ नियम और शर्तें हैं जिनका पालन करना आवश्यक है।
अनुमति:
- ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक किया जा सकता है।
- इसके लिए एडीएम (अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी) या पुलिस उपायुक्त से अनुमति लेनी होगी।
- अनुमति केवल 2 घंटे से अधिक के लिए नहीं दी जाएगी।
- ध्वनि विस्तारक यंत्रों के उपयोग की अनुमति कार्यक्रम परिसर में ही दी जाएगी।
नियम:
- ध्वनि विस्तारक यंत्र के उपयोग के लिए दी गई अनुमति में भारत सरकार द्वारा निर्धारित नियमों का उल्लेख किया जाना चाहिए।
- रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक किसी भी प्रकार का साउंड सिस्टम बंद रहेगा।
- डीजे यूनिट पर सिर्फ एक साउंड सिस्टम ही लगा सकेंगे।
- यह प्रतिबंधात्मक आदेश भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 के तहत जारी किए गए हैं।
- आदेश में जिले के सभी धार्मिक स्थल, औद्योगिक, कॉमर्शियल, रहवासी में ध्वनि यंत्रों (लाउडस्पीकर, डीजे) के अनियंत्रित एवं नियम खिलाफ प्रयोग पर रोक लगाने की बात कही गई है।
उल्लंघन करने पर कार्रवाई:यह होगी कार्रवाई
यदि किसी द्वारा इन प्रावधानों का उल्लंघन किया जाता है तो मध्यप्रदेश कोलाहल नियंत्रण अधिनियम 1985 की धारा 15 एवं 16 के तहत शास्ति अधिरोपित करने एवं जब्ती की कार्रवाई की जाएगी।
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