ग्वालियर :- अजय रावत ब्यूरो हेड

ग्वालियर के गोकुलपुरा गांव में 17.5 बीघा जमीन को लेकर विवाद चल रहा था। इस जमीन की कीमत लगभग 60 करोड़ रुपये आंकी जा रही है। विवाद को सुलझाने के लिए बुधवार को पंचायत बुलाई गई थी। पंचायत के दौरान दोनों पक्षों के बीच कहासुनी इतनी बढ़ गई कि अचानक गोलियां चलने लगीं। इस गोलीबारी में पूर्व सरपंच शिवचरण यादव के बेटे पुरुषोत्तम यादव की मौत हो गई, जबकि पांच अन्य लोग घायल हो गए।
60 करोड़ की जमीन की लड़ाई
थाना प्रभारी सुरेन्द्र नाथ सिंह यादव ने बताया कि “गिरवाई थाना क्षेत्र स्थित के गोकुलपुरा में हुकुम सिंह यादव और उनके भाई पंचम सिंह यादव के बीच 17.5 बीघा पुश्तैनी जमीन को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा था. इस जमीन की कीमत 60 करोड़ बताई जा रही है. जब दोनों भाई के बीच विवाद नहीं सुलझा तो पंचायत बुलाई गई. जहां पंचम सिंह यादव अपने परिवार के साथ हथियार लेकर पंचायत पहुंचा था. बंटवारे को लेकर विवाद इतना बढ़ गया कि पंचम सिंह यादव के परिवार ने हुकुम सिंह यादव के परिवार पर गोलियां बरसाना शुरू कर दी.”
पूर्व सरपंच के बेटे की गोली लगने से मौत
घटना में पूर्व सरपंच हुकुम सिंह यादव के बेटे की मौत हो गई. जबकि पांच लोग घायल हो गए. वहीं घटना की सूचना मिलते ही चार थाने की पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची. घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया. वहीं डॉक्टरों ने 25 वर्षीय पुरुषोत्तम सिंह यादव को मृत घोषित किया. जो पूर्व सरपंच का बेटा था. जमीन विवाद का मुख्य कारण जमीन की कीमत और उसके बंटवारे को लेकर था। दोनों पक्ष जमीन पर अपना-अपना दावा कर रहे थे। पंचायत में भी इस विवाद को सुलझाने की कोशिश की गई थी, लेकिन यह सफल नहीं हो सकी

कोर्ट के फैसले के बाद भी नहीं सुलझा मामला
घटना में पूर्व सरपंच हुकुम सिंह यादव के बेटे की मौत हो गई. जबकि पांच लोग घायल हो गए. वहीं घटना की सूचना मिलते ही चार थाने की पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची. घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया. वहीं डॉक्टरों ने 25 वर्षीय पुरुषोत्तम सिंह यादव को मृत घोषित किया. जो पूर्व सरपंच का बेटा था.
कोर्ट के फैसले के बाद भी नहीं सुलझ रहा था विवाद:
यह मामला और भी गंभीर है क्योंकि यह विवाद कोर्ट के फैसले के बाद भी नहीं सुलझ पाया था। दोनों पक्ष कोर्ट के फैसले को मानने के लिए तैयार नहीं थे और पंचायत में भी इस मामले का कोई समाधान नहीं निकल सका। इसके बाद ही खूनी संघर्ष हुआ, जिसमें एक व्यक्ति की जान चली गई।
विवाद की जड़:
- हुकुम सिंह के पिता ने 1989 में जमीन खरीदी थी।
- हुकुम, शिवचरण और बालमुकुंद के छोटे होने के कारण बड़े भाई पंचम सिंह के नाम जमीन की गई थी।
- 2000 में हुकुम, बालमुकुंद और शिवचरण ने कानूनी तरीके से जमीन अपने नाम कराई।
- 2018 में जमीन का एक हिस्सा पंचम, शिवचरण और बालमुकुंद को दिया गया, जबकि दूसरा हिस्सा पंचम की पत्नी कमला और बेटे रामबरन को दिया गया।
- 2021 में कमला के बेटों ने फर्जी दस्तावेज से पूरी जमीन अपने नाम करा ली।
- इस मामले में कोर्ट ने हुकुम सिंह के पक्ष में फैसला सुनाया था, लेकिन पंचम सिंह का परिवार मानने को तैयार नहीं था।
- प्रशासन ने कई बार विवाद सुलझाने की कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिली।
- बुधवार को पंचायत बुलाई गई, जिसमें यह खूनी संघर्ष हुआ।
गांव में पुलिस बल तैनात
मामला बढ़ता देख गांव में पुलिस तैनात कर दी गई है. बताया जा रहा है कि तीन से चार राउंड फायर किया गया है. मौके से पुलिस को कारतूस मिले हैं. शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद पुलिस ने शव परिजनों को सौंप दिया है. जिसके बाद गुरुवार को अंतिम संस्कार किया गया.
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