भोपाल = घनश्याम सिंह ||

7 फरवरी को भोपाल में कोर्ट मैरिज करने आए एक युवक की हिंदू संगठन के लोगों ने कोर्ट परिसर में ही पिटाई कर दी। इसका वीडियो भी सामने आया था। वीडियो में दिख रहा है कि हिंदू संगठन के कार्यकर्ता युवक को मुक्के मार रहे हैं। उसे जमीन पर गिराकर उसके चेहरे पर लात मार रहे थे। दूसरी तरफ संस्कृति बचाओ मंच और हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने युवक पर लव जिहाद का आरोप लगाया। एमपी नगर थाने पहुंचकर उसकी शिकायत भी की है। पुलिस ने युवक के खिलाफ लव जिहाद का मामला दर्ज किया था।
यह मामला 7 फरवरी को भोपाल में सामने आया, जहां एक युवक कोर्ट मैरिज करने आया था। हिंदू संगठन के लोगों ने उस पर ‘लव जिहाद’ का आरोप लगाते हुए उसकी पिटाई कर दी। इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें युवक को बुरी तरह पीटा जा रहा था। संस्कृति बचाओ मंच और हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने युवक के खिलाफ एमपी नगर थाने में शिकायत भी दर्ज कराई थी। पुलिस ने युवक के खिलाफ ‘लव जिहाद’ का मामला दर्ज किया था।
पीड़ित युवक सैयद खान का बयान:
सैयद ने बताया, एक युवती मेरे ही मोहल्ले में रहती है। मैं उसे एक साल से जानता हूं। हम कोर्ट में शादी करने के लिए आए थे। मैं जेसीबी चलता हूं। युवती ने मुझे बताया कि उसके भाई ने कोर्ट मैरिज की थी। उसने एक वकील का नंबर दिया है। उसने मुझे बताया कि वह 50 हजार रुपए लेगा और हमारी शादी करवा देगा। बता दें कि सैयद ने इस मामले की शिकायत एसीपी अक्षय चौधरी से की है।
पुलिस चौकी में भी मुझे पीटा
सैयद खान ने बताया कि उन्होंने वकील से बात की थी और उन्हें बताया था कि उनके पास सिर्फ 40 हजार रुपए हैं। वकील ने उन्हें कोर्ट आने के लिए कहा और शादी करवाने का आश्वासन दिया। जब वे कोर्ट पहुंचे तो वहां पहले से ही बहुत सारे लोग मौजूद थे। कुछ वकीलों के साथ चंद्रशेखर तिवारी नाम के युवक ने उनके साथ मारपीट की। इसके बाद उन्हें कोर्ट में मौजूद पुलिस चौकी ले जाया गया, जहां उनके साथ फिर से मारपीट की गई और उन्हें बेइज्जत किया गया। उनसे उनके मोबाइल का पासवर्ड पूछकर उनका मोबाइल भी छीन लिया गया।

मुझे जान का खतरा
दूसरी ओर, युवती की मां के द्वारा लगाए गए रेप एवं अन्य आरोपों पर सैयद ने कहा कि यह गलत है। ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है। वहीं परिवार के विवाद के बारे में बात करते हुए सैयद ने बताया कि पानी भरने को लेकर एक बार हमारे परिवारों में विवाद हुआ था। इस मामले की शिकायत मैंने भोपाल पुलिस को भी की है। क्योंकि मुझे और मेरे परिवार को जान का खतरा है। मैं अभी तक अपने घर नहीं गया हूं।
यह एक गंभीर मामला है जिसमें एक युवक को कोर्ट परिसर में शादी करने के दौरान पीटा गया और उसके बाद पुलिस चौकी में भी प्रताड़ित किया गया। युवक ने अपनी शिकायत में कई गंभीर आरोप लगाए हैं, जिनमें मारपीट, चोरी, और पुलिस की निष्क्रियता शामिल है।
मुख्य बिंदु:
- कोर्ट परिसर में मारपीट: युवक का आरोप है कि वकील के बुलाने पर कुछ लोगों ने उस पर हमला किया और उसे पीटा। यह घटना कोर्ट परिसर के अंदर हुई, जो सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाती है।
- पुलिस चौकी में प्रताड़ना: युवक को कोर्ट परिसर में स्थित पुलिस चौकी में ले जाया गया, जहां उसे दोबारा पीटा गया और सार्वजनिक रूप से उठक-बैठक करने के लिए मजबूर किया गया। यह पुलिस की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़ा करता है।
- मोबाइल और पैसे की चोरी: युवक का आरोप है कि पुलिस चौकी में पिटाई के दौरान उसके 10,000 रुपए नगद और मोबाइल फोन छीन लिए गए।
- पुलिस की निष्क्रियता: युवक ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने उसकी शिकायत पर कोई ध्यान नहीं दिया और उलटा उन्हीं के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया।
- सुरक्षा की मांग: युवक ने अपनी और अपने परिवार की जान को खतरा बताते हुए पुलिस से सुरक्षा की मांग की है।
- प्राथमिकी (FIR) की प्रति: युवक का कहना है कि उसे उसके खिलाफ दर्ज की गई FIR की कॉपी नहीं दी गई है, जो कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन है।
कानूनी पहलू:
सुप्रीम कोर्ट ने Youth Bar Association of India बनाम Union of India & Ors (MANU/SC/1339/2016) के मामले में यह निर्णय दिया है कि एक आरोपी को धारा 207 दंड प्रक्रिया संहिता (Cr.P.C.) में निर्धारित समय से पहले ही प्राथमिकी (FIR) की प्रति प्राप्त करने का अधिकार है। इस मामले में युवक को FIR की कॉपी नहीं दी गई है, जो कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन है।
द भारत 24 न्यूज़ भोपाल
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