झाँसी :- रिपोर्टर दामोदर कुशवाह

झांसी के दतिया गेट के बाहर स्थित हनुमान मंदिर में विजय पाल ने हनुमान जी की मूर्ति के लिए स्टील से बना मुकुट और चांदी की पैरिस दान की है। विजय पाल , ने 300 रूपए हजार में विजय पाल , ने मुकुट मंदिर के लिए दान में दिया है |
यह मंदिर झांसी के समृद्ध इतिहास का साक्षी है, और रानी लक्ष्मीबाई के समय से जुड़ा होना इसे और भी महत्वपूर्ण बनाता है। यह मंदिर उस दौर की धार्मिक और सांस्कृतिक भावनाओं को दर्शाता है। मंदिर की प्राचीनता इसे एक ऐतिहासिक धरोहर बनाती है। यह सदियों से भक्तों की आस्था का केंद्र रहा है। इस मंदिर को इच्छापूर्ण हनुमान जी के रूप में जाना जाता है, जिससे भक्तों का विश्वास और श्रद्धा और भी बढ़ जाती है। लोग यहाँ अपनी मनोकामनाएँ लेकर आते हैं और मानते हैं कि हनुमान जी उनकी मनोकामनाएँ पूरी करते हैं।यह मंदिर स्थानीय लोगों की गहरी आस्था का प्रतीक है। यह उनके जीवन का अभिन्न हिस्सा है और उन्हें आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है।मंगलवार को भक्तों की भारी भीड़ मंदिर के धार्मिक महत्व को दर्शाती है। यह दिन हनुमान जी की पूजा के लिए विशेष माना जाता है। यह मंदिर न केवल धार्मिक स्थल है, बल्कि यह स्थानीय समुदाय के लिए सांस्कृतिक केंद्र भी है। यहाँ धार्मिक आयोजनों और उत्सवों का आयोजन होता है।
दान का विवरण:
दानकर्ता: विजय पाल, जो उन्नाव के शमशान घाट के पीछे रहते हैं।उन्होंने झांसी, दतिया गेट के बाहर स्थित हनुमान मंदिर यहाँ हनुमान जी की दो मूर्तियाँ हैं। जिनमें से एक को पाताल लोक से निकला हुआ माना जाता है, उनके लिए हनुमान जी की मूर्ति के लिए स्टील से बना मुकुट। चांदी की पैरिस मंदिर कमेटी के अनुसार, मुकुट की कीमत लगभग ₹50,000 है। यह चर्चा हो रही है में मंदिर से कैमरे व दो मुकुट की सुरक्षा के लिए दो पहरेदार बैठा दिए जाएं की बात कहते हैं|
आयोजन:
मुख्य अतिथि विजयपाल द्वारा हनुमान जी के द्वारा शुभ मुहूर्त में योगदान दिया गया। मंदिर कमेटी के सदस्य आलेख राज सैनी, जीतू पटेरिया, रमेश रायकवार आदि मौजूद थे।
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