जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस चीफ, फारूख अब्दुल्ला, ने एनडीए गठबंधन में शामिल होने के संकेत दिए हैं। उन्होंने इस बात का संकेत दिया कि नेशनल कॉन्फ्रेंस जम्मू-कश्मीर में अपने बलबूते पर चुनाव लड़ेगी। अब्दुल्ला ने आगे कहा कि वे राजनीतिक संघर्ष में अपनी पारी खेलेंगे और लोगों के मुद्दों को उनके सामने रखेंगे। उन्होंने भविष्य में एनडीए के साथ संगठित रूप से समर्थन देने का संकेत दिया है।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के चीफ फारूख अब्दुल्ला ने अपने इशारों से एनडीए गठबंधन में शामिल होने की संभावना को खारिज किया है। मीडिया के साथ बातचीत के दौरान, फारूख ने स्पष्ट किया है कि वे किसी भी दूसरी पार्टी के साथ साझा गठबंधन नहीं करेंगे। उन्होंने घोषित किया है कि उनकी पार्टी, नेशनल कॉन्फ्रेंस, जम्मू-कश्मीर में अकेले ही चुनाव लड़ेगी। इस बयान से साफ है कि उनका ध्यान सशक्तिकरण और पार्टी की आधारबद्धता की ओर है।
फारूख ने श्रीनगर में एक बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि उन्हें लगता है कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा और लोकसभा चुनाव एक साथ होंगे। उन्होंने सीट शेयरिंग के फॉर्मूले की भी चर्चा की, और बताया कि नेशनल कॉन्फ्रेंस अकेले चुनाव लड़ेगी और इस बारे में कोई शक नहीं है।
आजतक से बात करते हुए, फारूख अब्दुल्ला ने कहा है कि मुझे देश बनाने के लिए जो करना पड़ेगा, वह मैं करूंगा। उन्होंने इसके साथ ही प्रधानमंत्री और गृहमंत्री से मुलाकात के सवाल पर कहा कि जब वे बुलाएंगे, तो कौन बात नहीं करना चाहेगा।
उन्होंने बताया कि वे लोकसभा और विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेंगे और किसी भी पार्टी के साथ नहीं जाएंगे। उन्होंने एनडीए में शामिल होने की संभावनाओं को नकारा। इसके अलावा, उन्होंने बताया कि इंडिया ब्लॉक में सीटों की शेयरिंग पर बातचीत फेल हो गई है, जिससे उन्हें अपने विचारों को विस्तार से लिखने के लिए प्रेरित किया गया।
‘बंगाल में अकेले लड़ेंगी ममता’
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य में अकेले दम पर चुनाव लड़ने की घोषणा की है। पहले टीएमसी ने कांग्रेस को दो सीटों का ऑफर दिया था, लेकिन कांग्रेस नेताओं की बयानबाजी और नेताओं के बीच कहासुनी के बाद टीएमसी ने राज्य की 42 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी।
पंजाब में AAP अकेले लड़ेगी चुनाव
आम आदमी पार्टी ने पंजाब में अब तक 13 लोकसभा सीटों पर अकेले उम्मीदवार उतारने का एलान किया है। शुरुआत में, AAP ने कांग्रेस को 6 सीटों का प्रस्ताव दिया था, लेकिन बाद में यह प्रस्ताव अवैध साबित हुआ। दिल्ली में, कांग्रेस को केवल एक सीट का प्रस्ताव किया गया है, और उसके लिए भी कुछ ही दिनों की अवधि बची है। अगर कांग्रेस इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करती, तो AAP सभी 13 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा करेगी।
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