भोपाल :- विकाश मौर्य

भोपाल में उच्च माध्यमिक शिक्षक भर्ती वर्ग-1, 2023 के अभ्यर्थियों का उग्र प्रदर्शन
उच्च माध्यमिक शिक्षक भर्ती वर्ग-1, 2023 को लेकर अभ्यर्थियों द्वारा रानी कमलापति स्टेशन पर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। बड़ी संख्या में महिला और पुरुष अभ्यर्थी यहां पहुंचे हैं।
अभ्यर्थियों के मुताबिक, सरकार रिक्त पदों में वृद्धि करके दूसरी काउंसलिंग के लिए लिखित आश्वासन नहीं दे रही है। उनकी मांग है कि सरकार रिक्त पदों में वृद्धि कर दूसरी काउंसलिंग आयोजित करे।
उच्च माध्यमिक शिक्षक भर्ती वर्ग-1, 2023 में रिक्त पदों की जानकारी गजट पत्र DPI, 27 दिसंबर 2024 के अनुसार, जनजातीय कार्य विभाग में लगभग 15,000 से अधिक पद रिक्त हैं। अभ्यर्थियों की मांग है कि इन रिक्त पदों को भरने के लिए सरकार दूसरी काउंसलिंग आयोजित करे।
प्रदर्शन कर रही अभ्यर्थी जिज्ञासा ठाकुर ने कहा कि, आप महिला सशक्तिकरण और बहनों की बात करते हैं। अगर बहनें लायक हो गई हैं, तो उन्हें उनका अधिकार दीजिए। हमें फ्री में पैसे नहीं चाहिए। आपकी बहन शिक्षित है, उसे एक सम्मानजनक नौकरी दे दीजिए।
“हमने दो-दो चयन परीक्षाएं और पात्रता परीक्षाएं पास की हैं, बावजूद इसके हम वेटिंग में हैं। सरकार जितनी भर्ती निकालती है, उन पर तो पूरी तरह भर्ती करें। आज हमारी एक भी वेटिंग लिस्ट क्लियर नहीं हुई है।
8720 पदों में से 2900 पदों को भर दिया गया है, फिर भी हमारी वेटिंग क्लियर नहीं हुई। इतने सारे पद स्कूलों में खाली हैं, क्या उन्हें नहीं भरना चाहिए? सरकार हमें इस तरह सड़कों पर आंदोलन करने के लिए मजबूर न करे।”
अभ्यर्थी बोली- सीएम आत्मदाह की अनुमति दें या फिर करेंगे मुंडन
भोपाल में उच्च माध्यमिक शिक्षक भर्ती वर्ग-1, 2023 में रिक्त पदों को लेकर अभ्यर्थियों का प्रदर्शन उग्र होता जा रहा है। रानी कमलापति स्टेशन पर बड़ी संख्या में एकत्रित होकर प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे मुंडन कराकर अपना विरोध जताएंगे।
प्रदर्शनकारी अभ्यर्थी अनुपमा शर्मा ने कहा:
अभ्यर्थियों का यह कहना कि रिक्त पदों में वृद्धि कर दूसरी काउंसलिंग आयोजित की जाए, यह एक बिल्कुल जायज मांग है, खासकर जब 15,000 से ज्यादा पद खाली हैं और कई अभ्यर्थियों ने पहले ही चयन परीक्षाएं और पात्रता परीक्षाएं पास की हैं। सरकार को अब इस मुद्दे पर स्पष्टता लानी चाहिए और अभ्यर्थियों की वेटिंग लिस्ट को भी क्लियर करने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।
“अगर आज सरकार हमारी मांगें नहीं मानती है, तो प्रदर्शन में शामिल सभी महिलाएं मुंडन कराएंगी। यह सरकार के लिए बेहद शर्म की बात होगी कि महिलाओं को इस तरह का कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़े।”
हम पिछले एक साल से प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन हमारी मांगें नहीं मानी गईं। यहां तक कि मुख्यमंत्री ने हमारी बात को संज्ञान में तक नहीं लिया, न ही वे चर्चा करना चाहते हैं।
हमारा यही कहना है कि यदि मुख्यमंत्री पदों में वृद्धि नहीं करते हैं, तो हम मुंडन संस्कार करेंगे। या फिर मुख्यमंत्री हमें आत्मदाह की अनुमति दें। सरकार यदि रोजगार नहीं दे सकती, तो हमें जीवन में कुछ भी सार्थक नहीं दिखाई देता।
उच्च माध्यमिक शिक्षक भर्ती वर्ग-1, 2023: अभ्यर्थियों की प्रमुख मांगें और प्रदर्शन:-

भोपाल: उच्च माध्यमिक शिक्षक भर्ती वर्ग-1, 2023 में पर्याप्त पद नहीं होने के कारण अभ्यर्थियों का आंदोलन लगातार जारी है। उनकी प्रमुख मांगें इस प्रकार हैं:
मांगें:
- लोक शिक्षक संचालनालय (DPI) प्रतीक्षा सूची जारी करें: अभ्यर्थी चाहते हैं कि DPI द्वारा प्रतीक्षा सूची जारी की जाए, ताकि उन्हें भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने का अवसर मिल सके।
- सेकंड काउंसलिंग में 20 हजार पद बढ़ाकर वेटिंग क्लियर करें: अभ्यर्थियों की मांग है कि दूसरी काउंसलिंग में 20 हजार पद बढ़ाए जाएं, ताकि वेटिंग लिस्ट में शामिल अभ्यर्थियों को नौकरी मिल सके।
- जनजातीय विभाग के खाली 17500 पदों में पदवृद्धि कर वेटिंग क्लियर करें: जनजातीय विभाग में बड़ी संख्या में पद खाली हैं। अभ्यर्थी चाहते हैं कि इन पदों को भरा जाए और वेटिंग लिस्ट में शामिल अभ्यर्थियों को नौकरी दी जाए।
- वर्ग 1 शिक्षक भर्ती 2018 में 22 हजार पद थे। 5 साल बाद 2023 में केवल 5052 पद: अभ्यर्थियों का कहना है कि 2018 की तुलना में 2023 में बहुत कम पद हैं, इसलिए पदों में वृद्धि की जाए।
पदवृद्धि की मांग के कारण:
- अभ्यर्थी ओवरएज हो रहे हैं: कई वर्षों से तैयारी कर रहे अभ्यर्थी अब ओवरएज हो रहे हैं, जिससे उनके लिए नौकरी के अवसर कम हो रहे हैं।
- नवीन पदों की संख्या बहुत कम: नए पदों की संख्या केवल 5052 है, जो कि बहुत कम है। इससे सभी विषयों और वर्गों के अभ्यर्थियों को पर्याप्त अवसर नहीं मिल पा रहे हैं।
- 2018 के बाद 2023 में परीक्षा, फिर भी पद कम: 2018 के 5 साल बाद 2023 में परीक्षा आयोजित की गई है, लेकिन पदों की संख्या में कोई खास वृद्धि नहीं हुई है।
- अन्य राज्यों के अभ्यर्थियों को बिना मापदंड शामिल किया जा रहा है: अन्य राज्यों के अभ्यर्थियों को भर्ती प्रक्रिया में शामिल किया जा रहा है, जिससे स्थानीय अभ्यर्थियों के लिए प्रतिस्पर्धा बढ़ गई है।
- 2-2 परीक्षाएं पास करने के बाद भी नियुक्ति नहीं: अभ्यर्थियों ने पात्रता परीक्षा और चयन परीक्षा दोनों पास कर ली हैं, लेकिन फिर भी उन्हें नियुक्ति नहीं मिल रही है।
- 2018 भर्ती के अभ्यर्थी 2023 की चयन परीक्षा में शामिल: 2018 की भर्ती के 15 हजार से अधिक अभ्यर्थियों को सीधे 2023 की चयन परीक्षा में शामिल किया गया है, जिससे प्रतिस्पर्धा और बढ़ गई है।
- 16 विषयों में 55 जिलों के अभ्यर्थी: 16 विषयों में 55 जिलों के अभ्यर्थियों को शामिल किया गया है, जिससे पदों का वितरण भी प्रभावित हो रहा है।
यह भी ध्यान रखें:
- यह आंदोलन केवल भोपाल तक ही सीमित नहीं है, बल्कि प्रदेश के अन्य जिलों में भी अभ्यर्थी अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं।
- कई राजनीतिक दल भी अभ्यर्थियों के समर्थन में आ गए हैं।
- अभ्यर्थियों के आंदोलन का छात्रों की पढ़ाई पर भी असर हो रहा है।
निष्कर्ष:
अभ्यर्थी अपनी मांगों को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। वे सरकार से सकारात्मक प्रतिक्रिया की उम्मीद कर रहे हैं। उनकी मांग है कि पदों की संख्या बढ़ाई जाए और उन्हें रोजगार के अवसर प्रदान किए जाएं।
द भारत 24 न्यूज़ भोपाल
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