भोपाल :– विकाश मौर्य

भोपाल || राजधानी भोपाल के नादरा बस स्टैंड और आईएसबीटी की हालत बदहाल है | दोनों बस स्टैंड पर गंदगी पसरी है | पीने के साफ़ पानी और स्वच्छ शौचालय की कोई व्यवस्था नहीं है | नादरा बस स्टैंड रात के समय नशे का अड्डा बन जाता है | यहाँ चोरी और लड़ाई की घटनाएं भी आम है | बता दें की नादरा बस स्टैंड से रोजाना करीब 5 हजार से अधिक यात्री सागर , बिना,विदिशा , अशोकनगर ,गुना ,शिवपुरी ,आदि शहरों के लिए जाते है |
भोपाल के बस स्टैंड की बदहाली के कुछ मुख्य कारण:
- प्रशासन की लापरवाही: बस स्टैंड की सफाई और व्यवस्था की जिम्मेदारी नगर निगम की होती है, लेकिन उनकी लापरवाही के कारण यहाँ गंदगी और बदहाली फैली हुई है।
- फंड की कमी: नगर निगम के पास बस स्टैंड के विकास के लिए पर्याप्त फंड नहीं है, जिसके कारण यहाँ सुविधाओं का अभाव है।
- जनता की उदासीनता: जनता भी बस स्टैंड को साफ रखने में सहयोग नहीं करती है, जिसके कारण यहाँ गंदगी फैलती है।
बस स्टैंड की बदहाली के कुछ गंभीर परिणाम:
- बीमारियों का खतरा: गंदगी के कारण यात्रियों को बीमारियों का खतरा होता है।
- पर्यटन पर नकारात्मक प्रभाव: बस स्टैंड की बदहाली से शहर की छवि खराब होती है, जिससे पर्यटन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
- यात्रियों को परेशानी: यात्रियों को पीने के पानी और शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए भी परेशान होना पड़ता है।
खुले में शौच से स्थानीय दुकानदार और यात्री परेशान
नादरा बस स्टैंड पर एजेंट का काम करने वाले दयाल सिंह गुर्जर ने बताया की पानी निकासी की सही व्यवस्था न होने के चलते बस स्टैंड कीचड से भरा है | लोग यहाँ खुले में शौच करते है | इससे पुरे इलाके में बदबू बानी रहती है, जिसकी वजह से स्थानीय दूकानदार और यात्री परेशान रहते है | नगर निगम भी हमारे आवाज उठाने पर ही सफाई करवाता है | नादरा बस स्टैंड पर पानी निकासी की सही व्यवस्था नहीं होने के कारण कीचड़ जमा है और लोग खुले में शौच करने को मजबूर हैं। दयाल सिंह गुर्जर की बात से यह स्पष्ट होता है कि इस समस्या से स्थानीय दुकानदार और यात्री दोनों परेशान हैं।
इस समस्या के कुछ गंभीर पहलू:
- स्वास्थ्य खतरा: खुले में शौच करने से बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। कीचड़ और गंदगी के कारण भी संक्रमण फैलने का खतरा होता है।
- दुर्गंध: बस स्टैंड पर गंदगी और खुले में शौच के कारण दुर्गंध फैलती है, जिससे यात्रियों और दुकानदारों को परेशानी होती है।
- असुविधा: यात्रियों को स्वच्छ शौचालय और साफ वातावरण नहीं मिलने से असुविधा होती है।
मुफ्त शौचालय का बोर्ड लगा, फिर भी मांगे जाते पैसे
दुकानदार मोहम्मद सईद ने बताया की वह पिछले 40 सालों से बस स्टैंड पर दुकान चलाते है | यहाँ शौचालय का कोई बोर्ड या निशान नहीं लगा है | इसके चलते विशेषकर महिलाओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है | यहाँ बाहर बने शौचालय में महिलाओं के लिए मुफ्त लिखे होने पर भी उनसे पैसे मांगे जाते है | जब महिलाएं इस बात को लेकर आवाज उठती है , तो उन्हें शौचालय में काम चलने की दलील दी जाती है | बस स्टैंड पर गुंडे लोगों की वजह से मनमाने तरीके से काम हो रहा है | कम से कम रात के समय प्रशासन को एक आदमी की ड्यूटी लगनी चाईए जो निगरानी कर सके|

रात होते ही नशे का अड्डा बन जाता है नादरा बस स्टैंड
ऑटो ड्राइवर शरोज ने बताया की यहाँ देर रात अक्सर लोगों के साथ चोरी की घटनाएं होती रहती है | लोगो के बैठने और पीने के पानी की भी व्यवस्था नहीं है | हालंकि बस स्टैंड पर 2 -3 पानी टंकी लगी है , लेकिन सब सालों पुरानी है | जिनकी सफाई होते हुए जुमने नहीं देखा | स्थानीय दुकानदारों ने बताया की रत होते ही बस स्टैंड नशे का अड्डा बन जाता है | जिससे आये दिन लड़ाई – झगड़ा भी होता रहता है | वहीँ आईएसबीटी से रोजाना करीब 6 हजार यात्री , होशंगाबाद ,इटारसी ,बैतूल आदि जैसे शहरों के लिए निकलते है , इसके अलावा अन्य राज्यों जैसे राजस्थान ,गुजरात ,महाराष्ट्र ,उत्तरप्रदेश आदि के लिए भी बसें यहाँ रवाना होती है |
मुख्य समस्याएं:
- चोरी की घटनाएं: शरोज के अनुसार, यहाँ देर रात अक्सर लोगों के साथ चोरी की घटनाएं होती रहती हैं। इससे यात्रियों में भय का माहौल बना रहता है और उनकी सुरक्षा खतरे में रहती है।
- बुनियादी सुविधाओं का अभाव: लोगों के बैठने और पीने के पानी की भी यहाँ व्यवस्था नहीं है। हालांकि 2-3 पानी की टंकियां हैं, लेकिन वे सालों पुरानी हैं और उनकी सफाई नहीं होती। इससे यात्रियों को परेशानी होती है और उन्हें स्वच्छ पानी नहीं मिल पाता।
- नशे का अड्डा: स्थानीय दुकानदारों का कहना है कि रात होते ही बस स्टैंड नशे का अड्डा बन जाता है, जिससे लड़ाई-झगड़े होते रहते हैं। इससे यात्रियों और आसपास के लोगों को खतरा होता है और शांति भंग होती है।
द भारत 24 न्यूज़ भोपाल
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