भोपाल :- ब्यूरो चीफ विकाश मौर्य

नर्सिंग कॉलेजों में व्याप्त अनियमितताओं के खिलाफ छात्र-छात्राओं का प्रदर्शन लगातार जारी है। आज सैकड़ों नर्सिंग छात्र-छात्राएं सतपुड़ा भवन और पूर्व मुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह के निवास तक पहुंचे। इन छात्रों ने कर्मचारी चयन मंडल (ESB) द्वारा आयोजित परीक्षा और प्रवेश काउंसिलिंग प्रक्रिया में हो रही अनियमितताओं को लेकर विरोध जताया। छात्रों का कहना है कि परीक्षा परिणाम घोषित होने और प्रवेश प्रक्रिया पूरी होने के बाद भी, हजारों योग्य छात्रों के प्रवेश को निरस्त किया जा रहा है, जिससे उन्हें भारी मानसिक तनाव और अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इस मुद्दे पर छात्रों ने संबंधित अधिकारियों से कार्रवाई की मांग की है।
दिग्विजय सिंह ने दिया समर्थन:-
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने छात्रों की समस्याओं को गंभीरता से सुना और उन्हें आश्वासन दिया कि वह इस मुद्दे को लेकर संबंधित विभाग के अधिकारियों से चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा कि छात्रों के साथ हो रहे अन्याय को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और वह सुनिश्चित करेंगे कि इस मामले का समाधान हो। दिग्विजय सिंह ने छात्रों के हक में कार्रवाई करने का वादा करते हुए यह भी कहा कि उनकी आवाज़ को प्रमुखता से उठाया जाएगा ताकि भविष्य में ऐसे मामलों से बचा जा सके।

सीबीएसई बोर्ड के छात्रों के प्रवेश रद्द करने पर उठे सवाल:-
सीबीएसई बोर्ड के छात्रों के प्रवेश रद्द किए जाने पर NSUI (नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया) ने भी कड़ी आपत्ति जताई है। छात्रों का आरोप है कि परीक्षा के दौरान उन्हें शामिल किया गया था, परीक्षा परिणाम भी घोषित किए गए थे और काउंसिलिंग प्रक्रिया के बाद उन्हें प्रवेश भी दे दिया गया था। लेकिन अब छात्रों के प्रवेश को नियमों का हवाला देकर रद्द किया जा रहा है, जो कि छात्रों के साथ अन्याय है। NSUI ने इस मुद्दे पर विरोध जताते हुए कहा कि यह छात्रों के अधिकारों का उल्लंघन है और छात्रों को उनके हक से वंचित किया जा रहा है। संगठन ने सरकार और संबंधित अधिकारियों से तत्काल इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की है।
NSUI के प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार ने कहा:
यह न सिर्फ नर्सिंग, बल्कि सीबीएसई बोर्ड के छात्रों के साथ भी अन्याय है। परीक्षा और काउंसिलिंग के दौरान नियमों में बदलाव छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। यह दर्शाता है कि नर्सिंग काउंसिल और चिकित्सा शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली में गंभीर खामियां हैं। NSUI छात्रों के इस संघर्ष में पूरी ताकत से उनके साथ खड़ी है।”
NSUI ने इस बयान के माध्यम से स्पष्ट किया कि छात्रों के भविष्य से खेलना और बाद में नियमों में बदलाव करना पूरी तरह से गलत है। संगठन ने यह भी आरोप लगाया कि यह घटनाएं नर्सिंग काउंसिल और चिकित्सा शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली में गंभीर गड़बड़ियों को उजागर करती हैं। NSUI ने छात्रों के अधिकारों की रक्षा करने का वचन दिया और उनके संघर्ष में पूरी तरह से समर्थन देने की बात की।
NSUI की मांगें:
NSUI ने छात्रों के हित में निम्नलिखित मांगें की हैं:
- सभी छात्रों को काउंसिलिंग प्रक्रिया में शामिल किया जाए।
- सीबीएसई बोर्ड के छात्रों के प्रवेश रद्द करने का आदेश तत्काल निरस्त हो।
- नर्सिंग काउंसिल और चिकित्सा शिक्षा विभाग की अनियमितताओं की जांच की जाए।
- छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वालों पर कड़ी कार्रवाई हो।
NSUI ने स्पष्ट किया कि यदि छात्रों की समस्याओं का समाधान जल्द नहीं हुआ , तो संगठन बड़े स्तर पर आंदोलन करेगा।
दी भारत 24 न्यूज़ भोपाल (म.प्र)
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