डबरा ;- अमित रावत

बीएसएफ के रिटायर्ड उप निरीक्षक राजेंद्र सिंह कुशवाहा ने मामले की शिकायत की है।
डबरा के टेकनपुर में साइबर अपराधियों ने एक नई चाल चली है, जहां बीएसएफ के रिटायर्ड उप निरीक्षक राजेंद्र सिंह कुशवाहा को फर्जी सीबीआई अधिकारी ने डिजिटल अरेस्ट की धमकी दी। आरोपी ने खुद को काली भवन भोपाल से सीबीआई अधिकारी बताते हुए कुशवाहा पर अश्लील वीडियो देखने और लड़कियों को मैसेज भेजने का झूठा आरोप लगाया। आरोपी ने कुशवाहा को डिजिटल अरेस्ट करने की धमकी दी और उनसे पैसे की मांग की। कुशवाहा ने पैसे देने से इनकार कर दिया और पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
टेकनपुर चौकी प्रभारी बलवीर मावई ने कहा कि वर्तमान में साइबर अपराधी नए-नए तरीकों से लोगों को ठगने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने लोगों से अपील की है कि ऐसी धमकी भरे कॉल्स से न घबराएं और तुरंत पुलिस से संपर्क करें। सतर्कता की वजह से कुशवाहा इस साइबर ठगी से बच गए और बाद में वे इलाहाबाद के लिए रवाना हो गए।
डिजिटल अरेस्ट क्या है?
डिजिटल अरेस्ट एक नया तरह का साइबर अपराध है। इसमें अपराधी किसी व्यक्ति को फोन करके या सोशल मीडिया के माध्यम से डराते-धमकाते हैं और उनसे पैसे ऐंठने की कोशिश करते हैं। अपराधी अक्सर पीड़ित को फर्जी सीबीआई अधिकारी या पुलिस अधिकारी बनकर डराते हैं। वे पीड़ित को बताते हैं कि उनके खिलाफ कोई शिकायत दर्ज की गई है और उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है। इसके बाद, वे पीड़ित से पैसे की मांग करते हैं और कहते हैं कि अगर वे पैसे देंगे तो वे मामला रफा-दफा कर देंगे।
इस मामले में क्या हुआ?
राजेंद्र सिंह कुशवाहा को एक अनजान नंबर से फोन आया। फोन करने वाले ने खुद को काली भवन भोपाल से सीबीआई अधिकारी बताते हुए कुशवाहा पर अश्लील वीडियो देखने और लड़कियों को मैसेज भेजने का झूठा आरोप लगाया। आरोपी ने कुशवाहा को डिजिटल अरेस्ट करने की धमकी दी और उनसे पैसे की मांग की। कुशवाहा ने पैसे देने से इनकार कर दिया और पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस की जांच
पुलिस ने आरोपी के नंबर (8839828930) पर संपर्क किया, तो उसने तुरंत कॉल काट दी। पुलिस ने बताया कि भारतीय कानून में ‘डिजिटल अरेस्ट’ जैसी कोई व्यवस्था नहीं है और यह साइबर अपराधियों के पैसे ऐंठने का एक नया तरीका है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और आरोपी की तलाश जारी है।
डिजिटल अरेस्ट से कैसे बचें?
- किसी भी अनजान व्यक्ति के फोन कॉल या सोशल मीडिया संदेशों का जवाब न दें।
- अगर आपको कोई अनजान व्यक्ति फोन करके या सोशल मीडिया के माध्यम से डराता-धमकाता है तो तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज कराएं।
- किसी भी अनजान व्यक्ति को पैसे न दें।
- अपने बैंक खाते और अन्य व्यक्तिगत जानकारी को सुरक्षित रखें।
- साइबर अपराध के बारे में जागरूकता फैलाएं।
अगर आप डिजिटल अरेस्ट का शिकार होते हैं तो क्या करें?
- सबसे पहले शांत रहें और घबराएं नहीं।
- किसी भी अनजान व्यक्ति को पैसे न दें।
- तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज कराएं।
- अपने बैंक खाते और अन्य व्यक्तिगत जानकारी को सुरक्षित रखें।
- अपने दोस्तों और परिवार को इस बारे में बताएं ताकि वे आपकी मदद कर सकें।
यह घटना एक गंभीर मामला है।
लोगों को ऐसे साइबर अपराधों के बारे में जागरूक होना चाहिए। अगर किसी को भी ऐसे फोन कॉल आते हैं तो उन्हें तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज करानी चाहिए।
द भारत 24 न्यूज़ भोपाल
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