भोपाल :- विकाश मौर्य||

“भोपाल: पुलिस ने एएसआई पवन रघुवंशी को 5 लाख की रिश्वत लेते गिरफ्तार, टीआई जितेंद्र गढ़वाल पर केस दर्ज”
भोपाल, 6 मार्च 2025: राजधानी भोपाल में बुधवार को ऐशबाग थाने में पदस्थ एएसआई पवन रघुवंशी को 5 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ पकड़ लिया गया। यह कार्रवाई पुलिस की अपनी ही टीम ने की, जो भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई कर रही थी। एएसआई पवन रघुवंशी पर आरोप है कि उन्होंने एक मामले में आरोपी को राहत दिलाने के बदले रिश्वत की मांग की थी।
पुलिस द्वारा की गई इस कार्रवाई में आरोपी एएसआई के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत केस दर्ज कर लिया गया है। यह मामला पुलिस के लिए एक गंभीर झटका साबित हुआ है, क्योंकि जांच में यह भी सामने आया कि एएसआई पवन रघुवंशी ने रिश्वत की डील की थी और इसके साथ ही मामले में ऐशबाग थाना के टीआई जितेंद्र गढ़वाल समेत 4 अन्य पुलिसकर्मियों पर भी एफआईआर दर्ज की गई है।
“रिश्वत मामले में टीआई जितेंद्र गढ़वाल पर एफआईआर, ऐशबाग थाने में ही दर्ज हुआ केस”
थाना प्रभारी (टीआई) जितेंद्र गढ़वाल के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया है। हैरानी की बात यह है कि जिस थाने में जितेंद्र गढ़वाल बतौर टीआई पदस्थ थे, उसी थाने में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
इस मामले में एएसआई पवन रघुवंशी, प्रधान आरक्षक धर्मेंद्र और टीकमगढ़ से रिश्वत देने वाले अंशुल उर्फ मोना जैन को भी आरोपी बनाया गया है। बताया जा रहा है कि रिश्वत की पूरी घटना टीआई जितेंद्र गढ़वाल की जानकारी में हुई थी, और उनका इस मामले में महत्वपूर्ण रोल था।
सूत्रों के अनुसार, पवन रघुवंशी ने एक ठगी के कॉल सेंटर मामले में आरोपी मुइन खान को बचाने के लिए 25 लाख रुपए की रिश्वत की डील की थी। इस डील के तहत, एएसआई ने रिश्वत की पहली किस्त के रूप में 5 लाख रुपए की मांग की थी, जब पुलिस टीम ने उन्हें रंगेहाथ पकड़ा।

पुलिस ने एएसआई पवन रघुवंशी को 5 लाख की रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया”
पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्रा ने बताया कि इन पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी गई है और उनके कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) भी निकाले जा रहे हैं।
सस्पेंड किए गए पुलिसकर्मी:
- टीआई जितेंद्र गढ़वाल
- एएसआई पवन रघुवंशी
- प्रधान आरक्षक धर्मेंद्र
- प्रधान आरक्षक मनोज
“कॉल सेंटर संचालक के बेटे को गिरफ्तार कर छोड़ दिया था, पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई
इस मामले में 23 फरवरी को पुलिस ने दबिश दी थी और कॉल सेंटर संचालक अफजल खान के बेटे को गिरफ्तार किया था, लेकिन उसे बाद में छोड़ दिया गया। इसके बाद जब मामला तूल पकड़ा, तो पुलिस ने कॉल सेंटर संचालक अफजल खान और उसकी बेटी पर एफआईआर दर्ज कर, सोमवार को अफजल को गिरफ्तार किया।
पुलिस द्वारा की जा रही पूछताछ में अब तक कई अहम जानकारियां सामने आई हैं। जांच में पता चला है कि आरोपी के खाते से करोड़ों रुपए का लेन-देन हुआ था। इसके अलावा, पुलिस के सामने 26 युवक-युवतियों के नाम आए हैं, जो इस ठगी के नेटवर्क से जुड़े हुए थे और ठगी की गतिविधियों में शामिल थे।
पुलिस अब इन सभी आरोपियों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई करने की योजना बना रही है। मामले की गहन जांच जारी है, और पुलिस का मानना है कि इस कॉल सेंटर से जुड़े कई अन्य आरोपी भी पकड़े जा सकते हैं।

पुलिस ने आरोपी अफजल खान के लिए सोमवार को ही गिरफ्तार कर लिया था।
एएसआई पवन रघुवंशी के घर से कॉल सेंटर का महंगा प्रिंटर बरामद, 2 प्लॉट पर भी कब्जे के आरोप
ठगी के कॉल सेंटर मामले में एएसआई पवन रघुवंशी की भूमिका पर सवाल उठने के बाद, पुलिस ने उसकी जांच तेज कर दी है। 23 फरवरी को कार्रवाई के बाद, पवन रघुवंशी ने कॉल सेंटर से जब्त किए गए टीसीएस कंपनी के महंगे प्रिंटर को अपने घर ले लिया था, जिसे उसने जब्ती में शामिल नहीं किया था। पुलिस की टीम ने बुधवार को इस प्रिंटर को उसके घर से बरामद किया।
इसके अलावा, सूत्रों के अनुसार, पवन रघुवंशी पर आरोप है कि उसने कॉलोनी में दो प्लॉट भी कब्जा कर रखे हैं। कार्रवाई के बाद पुलिस की टीम की मौजूदगी में स्थानीय रहवासियों ने यह जानकारी दी। पुलिस अब इन आरोपों की जांच कर रही है और पवन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की योजना बना रही है।
एएसआई पवन रघुवंशी के घर से 5 लाख बरामद, पुलिस ट्रेस कर रही है बाकी रकम
फर्जी कॉल सेंटर चलाने वाले मास्टरमाइंड अफजल खान के साले मुइन खान को आरोपी न बनाने के लिए 25 लाख रुपए में डील की गई थी। पुलिस जांच में सामने आया है कि इस डील की पहली खेप में 15 लाख रुपए लिए जाने थे। दबिश के दौरान, एएसआई पवन रघुवंशी के घर से 5 लाख रुपए बरामद किए गए, लेकिन बाकी 10 लाख की रकम लेकर दूसरी पार्टी कहाँ गई, इसका पता लगाने के लिए पुलिस तफ्तीश कर रही है।
डीसीपी जोन-1 प्रियंका शुक्ला ने बताया कि पुलिस पवन रघुवंशी के घर और उसके आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है ताकि 10 लाख रुपए लेकर आने वालों की पहचान की जा सके। साथ ही, सस्पेंड किए गए ऐशबाग थाने के टीआई जितेंद्र गढ़वाल सहित सभी पुलिसकर्मियों के मोबाइल नंबर की सीडीआर भी निकाली जा रही है।
इसके अलावा, पुलिस इन पुलिसकर्मियों के बैंक अकाउंट की जांच करने पर भी विचार कर रही है। पुलिस कमिश्नर हरिनारायणाचारी मिश्रा ने कहा कि जिन पुलिसकर्मियों की भूमिका जांच में सामने आएगी, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

ऐशबाग थाना टीआई जितेंद्र गढ़वाल की भूमिका की भी जांच की जा रही है।
पुलिस ने पहली बार किसी पुलिसकर्मी को ट्रेस किया, भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज
भोपाल में पहली बार पुलिस ने किसी पुलिसकर्मी को भ्रष्टाचार मामले में ट्रेस किया है और उसके खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की है। इस मामले में ऐशबाग थाना टीआई जितेंद्र गढ़वाल की भूमिका की जांच जारी है, और सूत्रों का कहना है कि उन्हें भी आरोपी बनाया जा सकता है।
पुलिस सूत्रों का दावा है कि पूरी डील की जानकारी टीआई जितेंद्र गढ़वाल को पहले से थी और वह एएसआई पवन रघुवंशी के माध्यम से डील करा रहे थे। उल्लेखनीय है कि पवन रघुवंशी को तीन दिन पहले ही लाइन हाजिर किया जा चुका था, लेकिन जांच में यह सामने आया है कि वह अभी भी इस मामले में शामिल था।
इस घटना के बाद पुलिस विभाग में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं को लेकर गंभीर सवाल उठने लगे हैं, और अब अधिकारियों ने कड़ी कार्रवाई की योजना बनाई है। जांच जारी है और यदि टीआई जितेंद्र गढ़वाल की भूमिका साबित होती है, तो उन्हें भी आरोपी बनाया जा सकता है।
10 लाख और लेने वाला था पवन रघुवंशी, कॉल स्विच ऑफ होने के बाद पुलिस तलाश में जुटी
भोपाल, 6 मार्च 2025: भोपाल में ठगी के कॉल सेंटर मामले में एएसआई पवन रघुवंशी की भूमिका और संदिग्ध डील के नए खुलासे हुए हैं। जांच में यह सामने आया है कि पवन रघुवंशी मोइन खान के दूसरे गुर्गे के संपर्क में भी था। ट्रैप कार्रवाई के बाद पुलिस की मौजूदगी में ही दूसरे व्यक्ति का पवन के पास कॉल आया, जिसमें वह 10 लाख रुपए देने उसके घर आने वाला था। हालांकि, कार्रवाई की भनक लगते ही कॉल करने वाले व्यक्ति ने कॉल स्विच ऑफ कर दिया, और अब पुलिस उसे तलाश कर रही है।
टीआई और एएसआई पहले भी विवादों में रहे
इससे पहले भी टीआई जितेंद्र गढ़वाल और एएसआई पवन रघुवंशी विवादों में रहे हैं। हाल ही में इन पर आरोप लगे थे कि उन्होंने एनडीपीएस एक्ट की फर्जी कार्रवाई की थी। जुए की बंदी नहीं देने पर जुआरी फरहान खान पर एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्रवाई की गई थी, जिसे लेकर शिकायत आला अधिकारियों तक पहुंची थी।
द भारत 24 न्यूज़ भोपाल
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