भोपाल :- विकाश मौर्य ||

मध्यप्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के पांचवें दिन कांग्रेस का हंगामा, फर्जी नक्सली एनकाउंटर और योजनाओं में भ्रष्टाचार पर सवाल उठाए:–
मध्यप्रदेश विधानसभा का बजट सत्र सोमवार को अपने पांचवे दिन में प्रवेश कर गया। प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस ने मंडला जिले में हुए फर्जी नक्सली एनकाउंटर का मुद्दा उठाया और सरकार से इसकी उच्चस्तरीय जांच की मांग की। कांग्रेस नेताओं ने इसे लेकर सदन से वॉकआउट किया, और इस मामले को गंभीरता से उठाते हुए आरोप लगाया कि राज्य सरकार इस मामले में न्याय की प्रक्रिया को प्रभावित कर रही है।
इस बीच विधानसभा में 2022 के कैग (कंट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल) की रिपोर्ट भी पेश की गई। रिपोर्ट में कई सरकारी योजनाओं में गड़बड़ी और भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ। विशेष रूप से संबल योजना, मुख्यमंत्री कन्यादान योजना और अन्य विकास योजनाओं में अनियमितताओं के मामले सामने आए। विपक्षी दलों ने इन घोटालों का मामला उठाते हुए राज्य सरकार पर हमला बोला। कांग्रेस ने दावा किया कि मध्यप्रदेश पूरी तरह से भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है और राज्य सरकार इसे छिपाने के लिए काम कर रही है।
इसके बाद विधानसभा में वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने 2024-25 के लिए 18,706 करोड़ 58 लाख 73 हजार 447 रुपये की अनुपूरक राशि का प्रस्ताव रखा। इस प्रस्ताव पर चर्चा के बाद अनुपूरक बजट पारित कर दिया गया। साथ ही, मध्यप्रदेश विनियोग विधेयक 2025 भी पारित किया गया।
इसके बाद विधानसभा की कार्यवाही मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
मंडला में फर्जी नक्सली एनकाउंटर पर कांग्रेस का हंगामा, सदन से वॉक आउट
मध्यप्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के दौरान सोमवार को कांग्रेस विधायकों ने मंडला जिले में हुए नक्सली एनकाउंटर को फर्जी बताते हुए सवाल उठाए और इसके खिलाफ उच्चस्तरीय जांच की मांग की। इस पर कांग्रेस विधायकों ने सदन से वॉक आउट किया।
मंडला के कांग्रेस विधायक ओमकार सिंह मरकाम ने कहा कि यह एनकाउंटर पूरी तरह से फर्जी था और सरकार इस मामले की जांच नहीं करवा रही है। उन्होंने कहा, “विधानसभा में अध्यक्ष ने हमारी मांग को अस्वीकार कर दिया, इस तानाशाही रवैये के विरोध में हमने कार्यवाही का बहिष्कार किया है।”
बीजेपी विधायक ओमप्रकाश धुर्वे ने कांग्रेस के आरोपों का जवाब देते हुए कहा, “स्पीकर ने स्पष्ट रूप से कहा है कि जब रिपोर्ट आएगी, तब इस पर चर्चा होगी। सरकार इस पर जवाब देगी। कांग्रेस सिर्फ मीडिया में सुर्खियां बटोरने के लिए नाटक कर रही है।”
इस मुद्दे पर दोनों दलों के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली और कांग्रेस ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए, जबकि बीजेपी ने इसे विपक्ष का एक सियासी दांव बताया।

प्रति व्यक्ति आय पर कांग्रेस का सवाल, ओमकार सिंह मरकाम ने सरकार को घेरा
मध्यप्रदेश विधानसभा में कांग्रेस विधायक ओमकार सिंह मरकाम ने सरकार के प्रति व्यक्ति आय के आंकड़ों पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि सरकार के द्वारा प्रस्तुत किए गए आंकड़ों के मुताबिक, प्रति व्यक्ति मासिक आय 11,830 रुपये है, जो कि एक असमान और गलत बयान है। मरकाम ने उदाहरण देते हुए कहा कि अंशकालिक कर्मचारी, जैसे रसोइयों को केवल 4,000 रुपये ही दिए जा रहे हैं, जो कि सरकार के आंकड़ों के खिलाफ है।
मरकाम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2047 तक प्रति व्यक्ति आय को एक लाख रुपये तक बढ़ाने के बयान का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, “अगर हमें पीएम मोदी के हिसाब से 2047 में आय के आंकड़े प्राप्त करने हैं, तो हर व्यक्ति की आमदनी एक लाख रुपये होनी चाहिए।”
उन्होंने सदन में कहा कि जो कुछ भी कहा जाता है, उसमें सच्चाई होनी चाहिए। उन्होंने यह भी ऐलान किया कि वह “मिशन सच्चाई” की शुरुआत कर रहे हैं और सच के लिए संघर्ष करते रहेंगे।

कांग्रेस विधायक बाला बच्चन का हमला, बीजेपी सरकार कर्ज और आमदनी बढ़ाने में फेल
मध्यप्रदेश विधानसभा में बजट पर चर्चा के दौरान कांग्रेस विधायक बाला बच्चन ने बीजेपी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने मध्यप्रदेश की जनता को भारी कर्ज में डुबो दिया है। बच्चन ने आंकड़े पेश करते हुए बताया कि 31 मार्च 2026 तक राज्य सरकार को 28,236 करोड़ रुपये का कर्ज ब्याज चुकाना होगा, और 31 मार्च 2026 तक राज्य का कुल कर्ज 5,30,000 करोड़ रुपये को पार कर जाएगा।
उन्होंने कहा, “अगर यह अनुमान गलत निकला तो मैं सदन में उस पर जो भी सजा होगी, उसे स्वीकार करने के लिए तैयार हूं।” इसके साथ ही बच्चन ने सरकार के राजकोषीय घाटे को लेकर भी चिंता जताई, जो कि 78,902 करोड़ रुपये तक पहुंचने वाला है।
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा केंद्रीय वित्त मंत्री को कर्ज लेने की सीमा बढ़ाने के लिए भेजे गए पत्र का जिक्र करते हुए बच्चन ने कहा कि उस पत्र का आज तक कोई जवाब नहीं आया, जबकि राज्य सरकार मनमाने तरीके से कर्ज ले रही है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राज्य सरकार राजकोषीय प्राप्ति यानी आमदनी बढ़ाने में पूरी तरह से नाकाम रही है। बच्चन ने कहा कि बीजेपी सरकार कर्ज को लेकर तो सक्रिय है, लेकिन राज्य की आमदनी बढ़ाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है।
कांग्रेस विधायक अभय मिश्रा ने गाड़ी खरीदने पर डबल टैक्स का मुद्दा उठाया
मध्यप्रदेश विधानसभा में बजट पर चर्चा के दौरान रीवा से कांग्रेस विधायक अभय मिश्रा ने गाड़ी खरीदने पर डबल टैक्स लेने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि जब कोई व्यक्ति गाड़ी खरीदता है, तो उसे पहले जीएसटी चुकाना पड़ता है। इसके बाद, जब वह गाड़ी का रजिस्ट्रेशन कराता है, तो उसे फिर से जीएसटी और गाड़ी की कीमत दोनों पर टैक्स देना पड़ता है। इस प्रकार, एक ही वस्तु पर दो बार टैक्स लिया जाता है, जिससे खरीदारों को भारी वित्तीय बोझ उठाना पड़ता है।
अभय मिश्रा ने आरोप लगाया कि इस प्रकार की “डबल मार” से जनता परेशान है और जब इस मुद्दे का विरोध किया गया, तो सरकार ने डीलर्स को चुप कराने के लिए यह कहकर मामला दबा दिया कि “तुम्हारा क्या जाता है।” विधायक ने इसे “लूट” करार दिया और सरकार से इसे तुरंत बंद करने की मांग की।

विश्वास सारंग का तीखा पलटवार, कांग्रेस पर देवी-देवताओं का अपमान करने का आरोप
मध्यप्रदेश के मंत्री विश्वास सारंग ने कांग्रेस नेता रेखा जैन द्वारा भगवान परशुराम की तुलना औरंगजेब से करने पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। सारंग ने कहा, “हिंदू देवी-देवताओं का अपमान करना कांग्रेस की आदत बन चुकी है। अब यह बहुसंख्यक समाज के लिए सहनशील नहीं रहेगा।”
सारंग ने चेतावनी दी कि यदि कांग्रेस पार्टी रेखा जैन को अपनी पार्टी से बाहर नहीं करती, तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि यह बयान कांग्रेस का आधिकारिक रुख है। उन्होंने इसे सीधे तौर पर कांग्रेस की मानसिकता और रवैये से जोड़ा और आरोप लगाया कि पार्टी जानबूझकर हिंदू धर्म और उसकी आस्थाओं का अपमान कर रही है।

गोपाल भार्गव का दावा, सवा साल में मध्यप्रदेश और बुंदेलखंड में एक भी किसान ने आत्महत्या नहीं की
मध्यप्रदेश विधानसभा में बजट पर चर्चा के दौरान विधायक गोपाल भार्गव ने एक अहम बयान दिया। उन्होंने कहा, “पिछले सवा साल में बुंदेलखंड और मध्यप्रदेश में कर्ज और अन्य परिस्थितियों के कारण एक भी किसान ने आत्महत्या नहीं की।” उनका यह बयान राज्य में किसानों की स्थिति को लेकर सरकार की उपलब्धियों को दर्शाने का प्रयास था।
भार्गव ने आगे कहा, “एक समय था जब बिजली की समस्या गंभीर थी, लेकिन अब ऐसी स्थिति नहीं है। प्रदेश में निशुल्क विद्युत प्रदाय के लिए 5,299 करोड़ रुपये की प्रतिपूर्ति का प्रावधान किया गया है, जो सरकार की किसान हितैषी नीतियों का उदाहरण है।”
इस दौरान मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने गोपाल भार्गव की सराहना करते हुए कहा, “भार्गव जी के पास 40 साल का अनुभव है और यह पहली बार है जब वह आंकड़ों के साथ सदन में बात कर रहे हैं।”
भार्गव ने सदन में विभागवार बजट प्रावधान की जानकारी भी दी, जो राज्य सरकार के वित्तीय प्रबंधन और योजनाओं को लेकर चर्चा का विषय बनी।

बीसीसीएल बसों की अनियमितता पर भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने उठाया मुद्दा, मंत्री ने जांच समिति बनाने का दिया आश्वासन
भोपाल के हुजूर से भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने बीसीसीएल की बसों के संचालन में अनियमितताओं का मुद्दा उठाया। शर्मा ने विधानसभा में कहा, “भोपाल का क्षेत्रफल बढ़ रहा है और ग्लोबल यूनिवर्सिटी जैसे बड़े संस्थान शहर में आ रहे हैं। इसके अलावा, 10-12 हजार मजदूर रोज भोपाल आते हैं, और आसपास के जिलों में स्कूल-कॉलेज और विश्वविद्यालय भी संचालित हो रहे हैं, लेकिन इन स्थानों तक बसें नहीं जातीं। भोजपुर में भी बसों की सेवा नहीं है।”
उन्होंने कहा कि पहले बसों के संचालन में जो अनियमितताएं हुई हैं, उनकी जांच के लिए एक समिति बनाई जाए।
इस पर मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने तुरंत प्रतिक्रिया दी और कहा, “इसके लिए मैं प्रमुख सचिव को जांच के आदेश दे दूंगा।”
द भारत 24 न्यूज़ भोपाल
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